दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आयी बीजेपी में अब मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है जो उत्तराखंड में विधायकों के बीच बातचीत कर उनका मन टटोलेंगे। वहीँ सियासी हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं की भाजपा पुष्कर सिंह धामी को ही सत्ता की कमान सौंप सकती है। उन्हें पार्टी को जीत दिलाने का तोहफा मिल सकता है।
छ माह के अल्प कार्यकाल में पुष्कर सिंह धामी का निर्विवादित छवि बनाये रखना, सरकार की छवि बेहतर करने और पार्टी में नयी ऊर्जा का संचार कर प्रचंड जीत हासिल करना धामी की पुनः ताजपोशी का आधार बन सकता है। मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित होना और उसके बाद पार्टी की बड़ी जीत भी धामी के पुनः मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख आधार साबित होने की उम्मीद है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इसका संज्ञान लेगा।
चर्चा है कि पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में एक-दो दिन में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी को ही कमान सौंपे जाने की मांग रखी जा सकती है। वहीं धामी को मुख्यमंत्री बनाने की स्थिति में उनके लिए सीट खाली करने की पेशकश भी होने लगी है।
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा विभिन्न अवसरों पर करते रहें हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान कई केंद्रीय नेताओं ने धामी की पीठ थपथपाई है। जो अब धामी की ताजपोशी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
ध्यान रखने कि पूर्व में मुख्यमंत्री का चुनाव करने में भाजपा हाईकमान चौकाने वाले फैसले लेता रहा है, जिस कारण पिछली सरकार में राज्य को तीन मुख्यमंत्री मिले हैं। इसके अलावा नई सरकार के मुखिया के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, सतपाल महाराज के नाम भी चर्चा में हैं। संभावना है कि अगले दो-एक दिन में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुला सकती है।