“ठोक दो” वाली परम्परा कितनी सही ? मुठभेड़ पर उठते सवाल 

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तीन जुलाई को आठ पुलिस वालों कि मौत के साथ शुरू हुआ विकास दुबे का “हालिया” सफर एक हफ्ते की भागम-भाग के बाद आखिरकार अपने परिणाम पर पहुंच ही गया।मुख्य अभियुक्त विकाश दुबे की एनकाउंटर में मौत सहित उसके पांच साथियों के मारे जाने के बाद जहाँ मामला थम जाने की उम्मीद बनने लगी थी, वहीँ पुलिस विभाग के लिए सोशल मीडिया से लेकर तम्माम मिडिया चैनल पर उठ रहे सवालों के जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है और लगता है अब यह कहानी लम्बी चलने की उम्मीद बनने लगी है। सुबह से एनकाउंटर से सम्बंधित प्रेस कॉन्फ्रेंस बाद में करने की बात करती पुलिस बाद में एक व्हाट्सप्प द्वारा विकाश दुबे की गिरफ्तारी से लेकर उसके अंजाम तक पहुँचने का एक मैसेज कानपुर के पत्रकारों को कर देती है।

  { प्रियंका गाँधी का ट्वीट ‘अपराधी का अंत हो गया,अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगो का क्या ? वहीँ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ट्वीट “दरअसल ये कार नहीं पलटी है,राज खुलने से सरकार पलटने से बच गयी है” }इसके अलावा अखिलेश यादव ने सरकार से विकाश यादव की पिछली सीडीआर की मांग की है। 


नेताओं के बयान पर तो राजनीति के आरोप लगते ही रहते हैं मगर सोशल मीडिया में उठ रहे सवालों की बौछारों और “मीम्स” लोगों की उत्सुकता बनाये हुए हैं। 

ऐसा लगता है फ़िल्मी स्टाइल में हुए एनकाउंटर की एक श्रंखला बनती जा रही है। जिसकी स्क्रिप्ट घूम फिर कर एक ही होती है बस किरदार बदलते जाते है। 


इससे पूर्व में भी पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठते रहे है ,हैदराबाद में हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपियों की एनकाउंटर में हत्या के बाद भी पुलिस से सवालों के कुछ जवाब अनुत्तरित रहने की बातें आयी थी। एक तरफ जहाँ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हैदराबाद में स्वत; संज्ञान लेते हुए अपनी जांच टीम द्वारा स्थलीय जांच के आदेश दिए वहीँ सोशल मीडिया पर भी इस मुठभेड़ पर सवाल उठते रहे। 


साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के राज्य की सत्ता सँभालने के बाद से क्रॉस फायरिंग में अब तक 119 लोगों की मौत हो चुकी है, विकास दुबे इस क्रम में 119वां शख़्स है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एनकाउंटर के 74 मामलों में मजिस्ट्रेट स्तर की पूछताछ और जांच पूरी हो चुकी है। ये वो मामले हैं जिनमे मौत हुई है और इन सभी मामलों में पुलिस को क्लीन चिट मिल चुकी है। वहीँ 61 मामलों में पुलिस द्वारा दायर की गयी क्लोज़र रिपोर्ट को अदालत ने स्वीकार कर लिया है। रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक 6145 ऑपरेशन हुए हैं जिनमे 119 लोगों की मौत हुई और 2258 लोग घायल हुए हैं।  बीती 2 -3 जुलाई को मारे गए 8 पुलिस कर्मी सहित 13 पुलिस कर्मियों की जान गयी है। वहीँ 885 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।

 विकास दुबे की मौत के बाद कई सवालों के जवाब जमींदोज हो चुके हैं। एक बड़ा सवाल यह भी है की विकास दुबे के एनकाउंटर में मौत ने न जाने कितने महत्वपूर्ण लोगों को जीवनदान दे दिया होगा ?

courtesy facebook, AVP JOKES memes


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