आखिरकार कई उतार चढ़ाव, वाद-विवादों के बाद राफेल का सौदा अपने अंजाम पर पहुँचता दिखाई दिया। गगनभेदी आवाजों के साथ अम्बाला एयरबेस की परिक्रमा करने के बाद पांचों राफेल विमान के भारत की मिटटी को चूमने के साथ ही देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये ट्वीट लाखों करोड़ों भारतवासियों को एक सुकून देता दिखाई दिया।

‘भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। यह मल्टीरोल एयरक्राफ्ट निश्चित ही हमारी वायुसेना की ताकत को बढ़ाएंगे।’
राजनाथ ने दो टूक कहा कि अब किसी को अगर भारतीय वायुसेना की ताकत को लेकर चिंता करना चाहिए तो उन्हें जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं। साथ ही रक्षामंत्री ने राफेल के अम्बाला में लैंडिंग का वीडियो भी शेयर किया और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए उनका धन्यवाद किया।
“राफेल जेट खरीदे गए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ सरकारी समझौता के माध्यम से इन विमानों को हासिल करने का सही फैसला लिया। इससे पहले लंबे समय से खरीद प्रक्रिया अटकी हुई थी। रक्षा मंत्री ने लिखा, ‘मैं उन्हें (पीएम मोदी) साहसिक फैसले के लिए धन्यवाद देता हूं”
वहीँ भारतीय वायु सेना ने भी एक ट्वीट के द्वारा राफेल विमानों का स्वागत किया।
वहीँ कांग्रेस राफेल की पहली खेप का स्वागत तो करते नज़र आयी मगर कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणजीत सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में वायु सेना के लड़ाकों को बधाई दी और राफेल का भारत में स्वागत करते हुए चार “क्यों”(सवाल) भी दाग दिए।
  ‘‘आज हर देशभक्त यह ज़रूर पूछे कि 526 करोड़ रुपये का एक राफेल अब 1670 करोड़ रुपये में क्यों ? 126 राफेल की बजाय 36 राफेल ही क्यों ? मेक इन इंडिया के बजाय मेक इन फ्रांस क्यों ? 5 साल की देरी क्यों ?’’   

ग़ौरतलब है की राफेल विमान खरीद का सौदा भारत में बहुत समय से विवादित रहा है, कांग्रेस इन विमानों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। हालांकि कांग्रेस 2019 के लोक-सभा चुनाव में राफेल मुद्दे पर सड़क से संसद तक डटी रही मगर वह सफलता को न प्राप्त कर सकी।

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