- 17 जून को चोरी के शक के ग्रामीणों ने तबरेज की बांध कर पिटाई की थी, 22 जून को उसकी मौत हो गई थी
- पत्नी ने न्यायपालिका से लगाई इंसाफ की गुहार, कहा- मेरे शौहर बेकसूर थे
सरायकेला. झारखंड के सरायकेला में माॅब लिंचिंग का शिकार हुए तबरेज अंसारी की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने कहा कि पति के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए न्यायिक लड़ाई लड़नी है। जब तक आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिल जाती मैं कहीं जाने वाली नही हूं। 17 जून की धातकीडीह गांव में चोरी के शक में भीड़ ने तबरेज अंसारी को बांधकर उसके साथ मारपीट की थी। बाद में 22 जून को उसकी मौत हो गई थी। घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें भीड़ जबरन तबरेज से जय श्री राम के नारे लगवा रही थी।
शाहिस्ता ने कहा- मेरे पति बेकसूर थे
शाहिस्ता ने न्यायपालिका से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे शौहर बेकसूर थे। एक सोची-समझी साजिश के तहत चोरी का आरोप लगाकर मार दिया गया। अगर समय रहते उनका इलाज होता तो वह बच जाते। पुलिस प्रशासन और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण मेरी दुनिया उजड़ गई। उन्होंने कानून को हाथ में लेकर मेरे पति को पीट-पीट कर मौत के घाट उतारने वाले दोषियों को मौत की सजा एवं लापरवाही बरतने वाले पुलिस पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी को नौकरी से बर्खास्त कर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
शाहिस्ता के परिवार को सताने लगा डर
शाहिस्ता, सास शहनाज परवीन एवं ससुर मो. सफरूददीन को कई तरह का डर सताने लगा है। उन्नाव कांड सहित अन्य कई तरह की घटना की खबर सुन कर परेशान हैं। वह कहती हैं कि कहीं आने जाने पर लोग अजीब नजरों से देखते रहते हैं। जिससे परिवार को डर सताने लगा है। परिवार मीडिया से बात करने से भी डर रहा है।
क्या है मामला
17 जून की रात धातकीडीह गांव में चोरी के आरोप में ग्रामीणों ने तबरेज अंसारी पकड़ लिया। फिर उसे बांधकर रातभर ग्रामीण उसे पीटते रहे। 18 जून को इसकी सूचना पुलिस को मिली। पुलिस ने तबरेज को ग्रामीणों से छुड़ाकर सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों से स्वस्थ होने का हवाला देकर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। 22 जून को उसकी तबीयत बिगड़ी तो जेल पुलिस ने सदर अस्पताल भेजा था। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।