उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में 220 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह नियुक्तियां उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य सशक्तिकरण अभियान के तहत की गई हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने नवनियुक्त चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इनकी नियुक्ति से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और कर्मचारियों की दक्षता में व्यापक सुधार होगा। उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने 24,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की है। साथ ही नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद अब प्रतियोगी परीक्षाएं पूरी तरह पारदर्शी तरीके से हो रही हैं।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में अब तक 11 लाख से अधिक मरीज कैशलेस इलाज की सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) में कार्डियो और न्यूरोलॉजी तथा हल्द्वानी में कैंसर से संबंधित विशेष चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। आपात स्थितियों में सुदूर क्षेत्रों तक हेलीकॉप्टर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों का विस्तार, फ्री मेडिकल चेकअप, स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती और टेलीमेडिसिन सेवाओं ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को नई दिशा दी है। सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो, ताकि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं स्थानीय स्तर पर मिल सकें।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि नियुक्त किए गए 220 चिकित्सकों में से 4 दिव्यांग कोटे के डॉक्टरों को छोड़कर सभी की तैनाती दुर्गम क्षेत्रों में की जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि विभाग जल्द ही और चिकित्सकों, नर्सों और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रदेश के 220 स्थानों पर बड़े स्तर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जाएंगे। इसके अलावा प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर 25 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।