उत्तराखंड ने 25 साल में की औद्योगिक छलांग – 80 हजार उद्योगों की बुनियाद, 46 हजार करोड़ का निवेश और रोजगार में 10 गुना बढ़ोतरी
देहरादून। उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। 9 नवंबर को मनाए जाने वाले रजत जयंती वर्ष से पहले राज्य ने औद्योगिक विकास का नया इतिहास रचा है। वर्ष 2000 में गठन के बाद से अब तक राज्य में 80 हजार से अधिक नए उद्योग स्थापित हुए, जिनकी वजह से पूंजी निवेश में 25 प्रतिशत वृद्धि हुई है और रोजगार के अवसरों में 10 गुना इजाफा हुआ है।
राज्य गठन से पहले उत्तराखंड में उद्योगों की स्थिति बेहद सीमित थी। उस वक्त सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) की संख्या 14,163 थी, जिनमें 700 करोड़ रुपये का निवेश और 38,500 लोगों को रोजगार मिला था। आज यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।
2003 का औद्योगिक पैकेज बना टर्निंग प्वाइंट
वर्ष 2003 में केंद्र सरकार से विशेष औद्योगिक पैकेज मिलने के बाद उत्तराखंड में निवेशकों की रुचि तेजी से बढ़ी। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में राज्य ने औद्योगिक विकास की मजबूत नींव रखी।
राज्य में SIDCUL (State Infrastructure and Industrial Development Corporation of Uttarakhand Ltd.) की स्थापना वर्ष 2002 में की गई। इसके माध्यम से हरिद्वार, पंतनगर, सेलाकुई, कोटद्वार, सितारगंज और काशीपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया गया। वर्तमान में सिडकुल के 7 औद्योगिक क्षेत्र सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
MSME सेक्टर ने बढ़ाया रोजगार
राज्य गठन के बाद अब तक 80 हजार से अधिक MSME इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं। इन उद्योगों में 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश हुआ और 4 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।
उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल का कहना है कि “उत्तराखंड अब निवेश का पसंदीदा गंतव्य बन चुका है। विनिर्माण क्षेत्र राज्य की जीडीपी में एक तिहाई योगदान देता है, जो विकसित राज्यों के बराबर है।”
हाल के वर्षों में निवेश को नई रफ्तार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने औद्योगिक निवेश को सुगम बनाने के लिए कई नई औद्योगिक नीतियों में संशोधन किया है और 30 नई नीतियां लागू की हैं।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू हुए, जिनमें से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट जमीन पर उतरने शुरू हो गए हैं। पहली बार निजी औद्योगिक क्षेत्र नीति लागू कर निजी सेक्टर को भी औद्योगिक एस्टेट विकसित करने की अनुमति दी गई है।
उद्योग सचिव का बयान
उद्योग सचिव विनय शंकर पांडेय ने कहा,
“राज्य अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिक संतुलन को साथ रखते हुए औद्योगिक विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सरकार ऐसे उद्योगों को प्राथमिकता दे रही है जो राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप हों और अधिक रोजगार दें।”
पहले और अब – विकास की तस्वीर
| स्थिति | राज्य गठन से पहले | राज्य गठन के बाद | 
|---|---|---|
| कुल उद्योग | 14,192 | 75,500+ | 
| निवेश | ₹700 करोड़ | ₹46,000 करोड़+ | 
| रोजगार | 38,500 | 4.86 लाख+ | 
उत्तराखंड ने 25 साल में औद्योगिक विकास का जो सफर तय किया है, उसने पहाड़ी राज्य की पहचान को नई दिशा दी है। अब राज्य आईटी, ऑटोमोबाइल, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और हरित तकनीक आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में राज्य निवेश और रोजगार दोनों के क्षेत्र में नई उपलब्धियों की ओर कदम बढ़ाने के लिए तैयार नजर आ रहा है।

 
								 
			 
			 
			