केदारनाथ राजमार्ग के सोनप्रयाग से लगभग एक किमी दूर गौरीकुंड की तरफ भूस्खलन हुआ, जिसमें अनेक यात्री मलबे के नीचे दब गए। मलबे में दबने से पाँच यात्रियों की मौत हुई है वहीं तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं। क्षेत्र में बारिश के चलते पहाड़ से पत्थरों के गिरने के कारण रेस्क्यू टीम लगातार इस पूरे क्षेत्र में अभियान जारी रखे हुए है।
सोमवार देर शाम केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्री सोनप्रयाग में ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप भूस्खलन जोन में पहाड़ी से गिर रहे पत्थर व मलबे में फंस गए। सूचना पर उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के दौरान एक शव बरामद किया गया, जिसकी शिनाख्त गोपाल (50 ) पुत्र भगतराम, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है। रात के समय खराब मौसम और लगातार मलबा-पत्थर गिरने के कारण रेस्क्यू टीमों को राहत और बचाव कार्य करने में दिक्कत आयी। खतरे को देखते हुए रेस्क्यू कार्य रोकना पड़ा था।
अगले दिन यानी आज सुबह मौसम अनुकूल होने और यहां पर मलबा-पत्थर गिरना बंद होने पर रेस्क्यू टीमों द्वारा रेस्क्यू कार्य प्रारम्भ किया गया। रेस्क्यू टीमों को इस स्थल पर 3 व्यक्ति (2 महिला व 1 पुरुष) अचेत अवस्था में मिले। जिनको डाॅक्टरों द्वारा मृत घोषित किया गया है। लगातार चले रेस्क्यू अभियान के दौरान कुछ देर बाद रेस्क्यू टीमों को एक और महिला अचेत अवस्था में मिली, जिनको डाॅक्टरों द्वारा मृत घोषित किया गया है। इस तरह गौरीकुंड लैंडस्लाइड हादसे में मृतकों की संख्या 05 हो गयी है। मलबे की चपेट में आने से 3 लोग घायल भी हैं।
मृतकों के नाम—
गोपाल पुत्र भक्तराम निवासी जीजोड़ा पो0 राजोद जिला धार मध्य प्रदेश -उम्र 50 वर्ष
दुर्गाबाई खापर पत्नी संघन लाल निवासी नेपावाली, जिला घाट, मध्य प्रदेश -उम्र 50 वर्ष
तितली देवी पत्नी राजेंद्र मंडल निवासी ग्राम वैदेही जिला धनवा नेपाल -उम्र 70 वर्ष
भारत भाई निरालाल पुत्र निरालाल पटेल निवासी ए 301 सरदार पैलेस करवाल नगर खटोदरा सूरत गुजरात -उम्र 52 वर्ष
समनबाई पत्नी शालक राम निवासी झिझोरा जिला धार मध्य प्रदेश -उम्र 50 वर्ष
घायलों के नाम—
जीवच तिवारी पुत्र रामचरित निवासी धनवा नेपाल -उम्र 60 वर्ष
मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह निवासी वेस्ट बंगाल -उम्र 30 वर्ष
छगनलाल पुत्र भक्त राम निवासी राजोत जिला धार मध्य प्रदेश -उम्र 45 वर्ष
बता दें कि जनपद पुलिस के स्तर से यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत इस मार्ग पर सुरक्षा के दृष्टिगत शाम 06:30 बजे के बाद आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी गयी थी। जो लोग इस समय अवधि से पहले गौरीकुंड से सोनप्रयाग की ओर चले गये थे, उन लोगों के साथ यह हादसा हुआ।