अलग उत्तराखंड राज्य की लड़ाई लड़कर उसे जीतने वाला राज्य के सबसे पुराना क्षेत्रीय दल यूकेडी आज अपनों के बीच ही आज भी सबसे ज्यादा ग़ैर है। उत्तराखंड के लोगों ने इस दल पर भरोसा नहीं दिखाया है, इसका एक कारण संसाधन विहीन उक्रांद को लोगों ने उस नजरिये से देखा ही नहीं। जबकि उक्रांद समय समय पर उत्तराखंड के क्षेत्रीय मुद्दों के लिए सड़क पर आंदोलन करती रही।
प्रदेश में अपनी पैठ बनाने की दिशा में उत्तराखंड क्रांति दल से खबर है की उक्रांद ने प्रदेश की सभी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। उक्रांद के कचहरी रोड स्थित केंद्रीय कार्यालय में सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट बताते हैं कि जिला और महानगर इकाई की सभी कार्यकारिणी भंग कर दी गयी हैं, साथ ही वह बताते हैं की एक माह के भीतर नए सिरे से सभी कार्यकारिणी का गठन कर लिया जायेगा, तब तक जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष अपने-अपने जिलों और शहरों के प्रभारी बने रहेंगे। दिवाकर भट्ट बताते है की संगठन को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है।
उक्रांद की इस कवायद के कई मायने निकाले जा रहे हैं जिनमे से एक है कि पार्टी संगठन में निष्क्रिय पड़े पदाधिकारियों को बाहर कर उनके स्थान पर नए और ऊर्जावान पदाधिकारियों को शामिल किया जाएगा ताकि पार्टी संगठन को उसका फायदा मिल सके। इसी कड़ी में आज कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री रहे भानु प्रकाश जोशी ने उत्तराखंड क्रांति दल का हाथ थामा। उन्होंने बताया कि जल्द ही अल्मोड़ा में भी बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड उक्रांद से जुड़ेंगे। दल ने उन्हें भी अल्मोड़ा और सोमेश्वर विधानसभा का प्रभारी बनाया है।
इस दौरान दल के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कोरोना को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है।
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