देहरादून, 16 अक्टूबर– प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति“ के प्रारुप को अन्तिम रूप देने के उद्देश्य से एक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया और महिला नीति के तैयार प्रारुप को मंत्री के समक्ष पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। मंत्री रेखा आर्या ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला नीति में दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल करते हुए शीघ्र ही प्रारुप को अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने विशेष जोर दिया कि आगामी 09 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति“ को प्रदेश की महिलाओं को समर्पित किया जा सके।
महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास पर जोर—
बैठक के दौरान मंत्री ने निर्देश दिया कि महिला नीति का निर्माण इस प्रकार हो कि इससे प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास का सर्वांगीण रूप से विस्तार हो। इसके लिए उन्होंने निम्नलिखित बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए:
- राज्य बजट में महिलाओं के लिए बजट प्रतिशत निर्धारण।
- मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं के उपचार हेतु विशेष केंद्रों की स्थापना।
- दिव्यांगता की श्रेणी और प्रकार के अनुसार महिलाओं के स्वावलंबन और सुरक्षा की व्यवस्था।
- आयु वर्ग के अनुसार अपराधों से सुरक्षा हेतु विशेष प्रावधान।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था—
मंत्री ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिलाओं तथा कामकाजी महिलाओं की चुनौतियों को कम करने हेतु ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को परिवार, समाज और कार्यक्षेत्र में मिलने वाली चुनौतियों को कम करने के उपाय करने पर जोर दिया गया।
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर रोक—
रेखा आर्या ने बैठक में यह भी निर्देश दिया कि 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों तक सोशल मीडिया के माध्यम से आपत्तिजनक पोस्ट, वीडियो आदि की पहुंच पर रोक लगाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने रेप जैसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश भी दिए।
समय-समय पर नीति की समीक्षा और संशोधन का निर्देश—
महिला कल्याण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिला नीति बनने के बाद समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाए और आवश्यकतानुसार संशोधन किए जाएं, ताकि नीति के उद्देश्यों को प्रभावी तरीके से पूरा किया जा सके। इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास चन्द्रेश कुमार यादव, निदेशक/अपर सचिव प्रशान्त आर्य, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति” जल्द ही अंतिम रूप में तैयार होगी और इससे प्रदेश की महिलाओं के सशक्तिकरण में एक नया अध्याय शुरू होगा