उत्तराखंड के देवप्रयाग से भारत के पहले महिला सैन्य नौकायन अभियान का शुभारंभ हुआ, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (BSF) की महिला विंग ने “स्वच्छ गंगा, अविरल गंगा” और महिला सशक्तिकरण का संदेश लेकर 2500 किलोमीटर की यात्रा के लिए अपनी यात्रा आरंभ की। 53 दिनों के इस अभियान का संचालन नमामि गंगे और बीएसएफ के संयुक्त प्रयास से किया गया है, जिसका नेतृत्व BSF के महानिरीक्षक (IG) राजा बाबू कर रहे हैं।
इस अभियान को हरी झंडी दिखाते हुए बीएसएफ IG राजा बाबू ने इसे भारत का पहला महिला नौकायन अभियान करार दिया। उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा, “यह अभियान भारत की पहली महिला टीम का साहसिक प्रयास है, जो 2500 किमी का सफर तय करेगी। गंगा की स्वच्छता और निरंतर प्रवाह बनाए रखने का यह संकल्प हर भारतीय का है, और यह अभियान इसी दिशा में कदम है।” शुभारंभ के दौरान, राजा बाबू ने संगम पर 11 कन्याओं का पूजन किया और सभी महिला जवानों के इस प्रयास को महिलाओं के लिए प्रेरणादायक बताया।
बीएसएफ की इस साहसिक महिला टीम में देश की सीमाओं पर तैनात 20 महिला जवानों को चयनित किया गया है, जिन्होंने गंगा में नौकायन के लिए कड़े प्रशिक्षण का सामना किया है। सब-इंस्पेक्टर प्रिया मीना की अगुवाई में इस टीम ने छह सप्ताह तक विशेष नौकायन प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रिया मीना ने बताया कि “इस अभियान के दौरान हमारी टीम दो राफ्टों में गंगा के तटवर्ती 43 नगरों में ‘स्वच्छ गंगा, अविरल गंगा’ का संदेश देगी और लोगों को गंगा नदी की महत्ता से अवगत कराएगी।”
अभियान का उद्देश्य गंगा नदी की स्वच्छता और प्रवाह को बरकरार रखने के प्रति जागरूकता फैलाना और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। टीम 24 दिसंबर तक इस यात्रा को संपन्न करेगी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से डिप्टी कमांडेंट मनोज सुंदरियाल के नेतृत्व में एक अतिरिक्त सुरक्षा टीम भी अभियान के साथ चलेगी।
इससे पहले 2015 में, आईटीबीपी ने भी देवप्रयाग से राफ्टिंग की शुरुआत की थी। अब बीएसएफ की इस महिला टीम का यह प्रयास न केवल साहसिक खेल को बढ़ावा देगा, बल्कि गंगा की स्वच्छता, संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को भी जन-जन तक पहुंचाएगा। श्री रघुनाथ परिसर के छात्रों द्वारा किए गए स्वस्तिवाचन और पुरुष सूक्त के पाठ ने इस आयोजन को और भी पवित्र और विशेष बना दिया।
इस अभियान में, बीएसएफ की ये महिला जवान गंगा सागर तक पहुंचने के अपने सफर में न केवल गंगा की स्वच्छता का संदेश देंगी, बल्कि लोगों को गंगा की महत्ता और उसे प्रदूषण से बचाने के प्रति जागरूक भी करेंगी।