विपक्ष के चौतरफा दबाव और चाल, चरित्र, चेहरे की बात करती बीजेपी आज अपने ही सवालों में घिरती नज़र आ रही है। पार्टी में बढ़ती अनुशासनहीनता को लेकर भाजपा अब सख्त रुख अपनाने को विवश हो गयी है।पिछले कुछ समय मे आये कई मामलों को लेकर प्रदेश नेतृत्व ने चार विधायकों को देहरादून तलब किया है । एक ओर जहां उत्तराखण्ड़ भाजपा में द्वाराहाट से विधायक महेश नेगी शारीरिक शोषण के आरोप से घिरे हैं। पूरे मामले एक तरफ पुलिस जांच जारी है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष उनके खिलाफ सड़कों पर उतर आया है। भाजपा भी मामले पर नजर बनाए हुए और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि जांच में यदि आरोप उन पर आरोप सही पाए जाते हैं तो पार्टी एक्शन लेगी। इस मुद्दे पर प्रदेश की राजनीति गर्माने के बाद अब मामले पर पार्टी ने विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कारण बताओ नोटिस केवल महेश नेगी को ही नहीं बल्कि अलग-अलग मामलों में 3 अन्य विधायकों को भी जारी किया गया है।
भाजपा ने महेश नेगी सहित चार विधायकों को 24 अगस्त को कार्यालय तलब किया है। पार्टी महेश नेगी से उनके ऊपर लगे यौन शोषण के मामलों पर स्पष्टीकरण मांग सकती है। पार्टी ने विधायक देशराज कर्णवाल, विधायक पूरण चंद फर्त्याल व भाजपा से निष्कासित विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को भी नोटिस भेजा है। विधायक पूरण सिंह फर्त्याल ने टनकपुर-जौलजीबी सड़क मार्ग को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए थे उनसे इस संबंध में पार्टी सवाल जवाब कर सकती है तो वहीं झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल से उनके विवादित बयानों को लेकर सफाई मांगी जा सकती है, हाल ही में उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था। वहीं पार्टी से निष्कासित कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन से आलाकमान पार्टी में वापसी पर चर्चा कर सकती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बताया कि स्पष्टीकरण या कार्रवाई जैसी फिलहाल कोई बात नहीं है। इन दिनों यह चारों विधायक किसी न किसी कारणवश चर्चाओं में रहे हैं। इसलिए पार्टी इनसे बात करना चाहती है, जिससे की यह पार्टी के समक्ष अपना पक्ष रख सकें। इसके बाद ही पार्टी अपना फैसला लेगी।
विधायकों से जुड़े इन प्रकरणों के कारण सरकार और पार्टी दोनों को असहज होना पड़ा है साथ ही विपक्ष को भी इन मामलों पर हमलावर रुख अपनाने का मौका मिल रहा है, इस को देखते हुए भाजपा अब सख्ती के मूड में दिखायी दे रही है।