देहरादून: उत्तराखंड में पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान 19 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी हैं और बड़ी संख्या में भर्ती प्रक्रियाएं अभी भी जारी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को अपने आवास पर आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में यह जानकारी दी। इस अवसर पर गृह विभाग और प्रांतीय रक्षक दल विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के 11 प्रयोगशाला सहायक और प्रांतीय रक्षक दल विभाग के 34 क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए और उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आशा जताई कि सभी चयनित अभ्यर्थी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करेंगे।
2047 तक विकसित भारत का संकल्प—
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को वर्ष 2047 तक पूरा करने के लिए सभी को अपने-अपने क्षेत्र में विशेष योगदान देना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में सख्त नकलरोधी कानून लागू होने के बाद सभी भर्ती परीक्षाएं पारदर्शिता के साथ समयबद्ध तरीके से संपन्न की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और आने वाले 25 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्यों को गति दी जा रही है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि स्वतंत्रता के अमृतकाल में उत्तराखंड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए सामूहिक योगदान आवश्यक है।
राष्ट्रीय खेल आयोजन के लिए जुटने का आह्वान—
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य को 34 नए क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी मिले हैं, जो राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से आज से ही राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में पूरी जी-जान से जुटने की अपील की।
रेखा आर्या ने कहा कि राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल ढांचे का निर्माण किया गया है। इन सुविधाओं की देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इन नए अधिकारियों के कंधों पर होगी।
कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग रहे उपस्थित—
कार्यक्रम में विधायक दिलीप रावत, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली और खेल निदेशक प्रशांत आर्य सहित अन्य अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराना है और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करते हुए राज्य को विकास के नए आयामों तक ले जाना है।