देहरादून/ माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तराखंड द्वारा 19वीं राज्य स्तरीय सामान्य ज्ञान क्विज प्रतियोगिता का आयोजन देहरादून के सीआईएमएस कॉलेज, कुँआवाला में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया। प्रतियोगिता में प्रदेश के 12 जनपदों की टीमों ने भाग लिया। स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद 6 टीमों के बीच मुख्य क्विज का आयोजन हुआ, जिसमें राजीव गांधी नवोदय विद्यालय संतुधार, पौड़ी गढ़वाल ने 196 अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्रतियोगिता का आयोजन—
18 दिसंबर को लिखित परीक्षा के साथ इस प्रतियोगिता का आरंभ हुआ, जिसमें 12 जनपदों की टीमों ने भाग लिया। एक घंटे में 50 प्रश्न हल करने के बाद श्रेष्ठ 6 टीमों का चयन किया गया। मुख्य क्विज प्रतियोगिता 19 दिसंबर को आयोजित हुई, जिसमें बहुविकल्पीय राउंड, विजुअल राउंड, एक्टेंपोर स्पीच राउंड, वीडियो राउंड, रैपिड फायर राउंड और बजर राउंड शामिल थे।
विजेताओं की सूची—
- प्रथम स्थान: राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, संतुधार (196 अंक)
प्रतिभागी: कुमारी श्रुति, समृद्धि, ध्रुव रावत - द्वितीय स्थान: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, गोपेश्वर (193 अंक)
प्रतिभागी: समीर, कुमारी हेमा नेगी, कुमारी रजनी - तृतीय स्थान: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, लमगांव (133 अंक)
प्रतिभागी: अतुल रतूड़ी, दिव्यांशु पंवार, ऋषभ बिश्नोई
सीआईएमएस कॉलेज की भूमिका—
सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने घोषणा की कि उनके संस्थान में प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी छात्रों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जाएगी।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति—
मुख्य अतिथि डॉ. एस. बी. जोशी (निदेशक, माध्यमिक शिक्षा), विशिष्ट अतिथि पदमेन्द्र सकलानी (अपर निदेशक), और रमेश सिंह तोमर (उप निदेशक) ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। संचालन का कार्य डॉ. सुशील राणा और जितेन्द्र बिष्ट ने किया।
प्रतियोगिता का इतिहास—
राज्य स्तरीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता की शुरुआत 2001 में देवानंद देवली द्वारा की गई थी। 2006 में इसे राज्य स्तरीय स्वरूप प्रदान किया गया और 2007 से यह राज्य स्थापना दिवस से जुड़ गई। कोविड काल में यह प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की गई थी, जो पूरे प्रदेश में प्रशंसा का केंद्र बनी।
इस वर्ष की प्रतियोगिता ने न केवल छात्रों में ज्ञान और प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा दिया, बल्कि उनके शैक्षणिक भविष्य के लिए नए अवसर भी खोले।