उत्तराखंड कांग्रेस में असंतोष का माहौल गहराता जा रहा है। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली, जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा है। निकाय चुनाव से पहले हुई इस घटना ने कांग्रेस की स्थिति को कमजोर और भाजपा को मजबूती प्रदान की है।
असंतोष का कारण: टिकट आवंटन विवाद—
पिथौरागढ़ नगर निगम में मेयर पद के टिकट को लेकर मथुरा दत्त जोशी की पत्नी की उम्मीदवारी नहीं मानी गई थी, जिससे वह नाराज थे। उन्होंने खुले तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की और पार्टी से इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी। प्रदेश नेतृत्व ने उनकी नाराजगी को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो सके।
बढ़ता असंतोष—
जोशी का इस्तीफा कांग्रेस में अकेला विरोध नहीं है। देहरादून, पिथौरागढ़ और अन्य जिलों में भी टिकट आवंटन को लेकर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष के स्वर उठ रहे हैं। कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
कांग्रेस की कोशिशें—
असंतोष के इस माहौल को शांत करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने नाराज कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से संवाद करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी ने मथुरा दत्त जोशी को हमेशा सम्मान दिया, लेकिन वह पार्टी छोड़ने का फैसला कर चुके थे।
भाजपा को लाभ—
मथुरा दत्त जोशी जैसे वरिष्ठ नेता का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका और भाजपा के लिए चुनाव से पहले एक नैतिक बढ़त है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में जोशी का भाजपा में शामिल होना इस घटनाक्रम का अहम हिस्सा रहा।
चुनावी असर—
निकाय चुनावों से पहले कांग्रेस में उपजा यह असंतोष पार्टी की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। टिकट आवंटन विवाद के कारण पार्टी के भीतर गुटबाजी और बढ़ सकती है, जिससे भाजपा को राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना है। कुल मिलाकर, कांग्रेस के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है, जहां असंतोष को शांत करना और एकजुटता बनाए रखना उसकी प्राथमिकता होनी चाहिए।