देहरादून/रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी/चमोली, 28 अप्रैल 2025/ उत्तराखंड के पवित्र हिमालयी धामों की ओर श्रद्धा का सैलाब उमड़ने को तैयार है। आगामी 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो रहा है, और इसके साथ ही तीर्थयात्रियों का उत्तराखंड की ओर रुख शुरू हो जाएगा। इस बीच, 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
आज शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति, चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर धाम के लिए रवाना हो गई है। डोली गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में रात्रि विश्राम करते हुए एक मई को केदारनाथ पहुंचेगी। कपाटोद्घाटन के अवसर पर मंदिर को 10 क्विंटल से अधिक फूलों से भव्य रूप से सजाया जा रहा है।
धार्मिक परंपराओं का निर्वहन:
डोली रवाना होने से पूर्व, ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान भकुंड भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान गंगाजल, दूध, शहद से स्नान कराकर भव्य श्रृंगार किया गया और पारंपरिक व्यंजनों की माला अर्पित की गई। विद्वान वेदपाठियों के मंत्रोच्चारण के बीच विभिन्न आरतियों का आयोजन किया गया।
चारधाम यात्रा की चुनौतियाँ भी बरकरार
चारधाम यात्रा के लिए अब तक 21 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं। यात्रा की भव्यता के साथ-साथ, यात्रा मार्गों पर कई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं:
डेंजर जोन और सड़कें:
चारधाम को जोड़ने वाले हाईवे पर 35 से अधिक डेंजर जोन चिन्हित किए गए हैं।
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केदारनाथ मार्ग (गौरीकुंड हाईवे, 76 किमी): 16 भूस्खलन क्षेत्र, जिनमें से सिर्फ 5 का स्थायी उपचार हो पाया है।
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बदरीनाथ मार्ग (160 किमी): 13 डेंजर जोन, जिनमें 5 अब भी गंभीर स्थिति में हैं।
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गंगोत्री मार्ग (143 किमी): 10 से अधिक डेंजर जोन, उपचार जारी।
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यमुनोत्री मार्ग (137 किमी): 15 से अधिक डेंजर जोन, पैदल मार्ग पर भी कठिनाइयाँ।
पार्किंग व्यवस्था:
नई पार्किंग स्थलों के निर्माण के बावजूद, तीर्थयात्रियों के वाहनों के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है:
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गुप्तकाशी से सोनप्रयाग के बीच केवल 1,500 वाहनों की पार्किंग क्षमता।
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बदरीनाथ मार्ग पर 610 वाहनों की पार्किंग व्यवस्था।
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गंगोत्री व यमुनोत्री मार्ग पर सीमित स्थान।
स्वास्थ्य सेवाएँ:
यात्रा मार्गों पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट, एंबुलेंस और हेली एंबुलेंस की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन चिकित्सकों की कमी एक बड़ी चिंता बनी हुई है। ऊंचाई पर स्वास्थ्य आपात स्थितियों के मद्देनज़र यह चुनौती गंभीर हो सकती है।
संचार और सुविधाएँ:
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केदारनाथ पैदल मार्ग पर संचार सुविधा कमजोर है।
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बदरीनाथ और गंगोत्री मार्गों पर भी कुछ स्थानों पर नेटवर्क की समस्या बनी हुई है।
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गर्मी बढ़ने के साथ जलस्त्रोतों में पानी की कमी की आशंका है।
श्रद्धा भी अपार, सतर्कता भी जरूरी
चारधाम यात्रा एक अद्वितीय आस्था यात्रा है, लेकिन इसे सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए तीर्थयात्रियों को भी सजग रहने की आवश्यकता है। सरकार और प्रशासन द्वारा तैयारियां तो की गई हैं, लेकिन डेंजर जोन, संकरी सड़कों और सीमित सुविधाओं के मद्देनज़र यात्रियों को सतर्क रहना होगा।