मुख्यमंत्री धामी बोले – राजकीय सेवाओं में अब केवल मेरिट की जीत, सांस्कृतिक विरासत को भी मिलेगा संरक्षण
रिपोर्ट:
देहरादून, 13 जुलाई।
उत्तराखंड में राजकीय सेवाओं के चयन में अब केवल मेरिट, प्रतिभा और योग्यता ही मापदंड होगी। यह कहना है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का, जो शनिवार को दून के आईआरडीटी ऑडिटोरियम में हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम “भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर” के विमोचन समारोह में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं को भरोसा दिलाया कि अब परीक्षाएं निष्पक्ष, पारदर्शी और योग्यता आधारित होंगी। उन्होंने युवाओं से पूरे विश्वास और समर्पण के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का आह्वान किया।
जागर परंपरा का गौरवशाली विमोचन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध लोकगायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण द्वारा सुरकंडा देवी पर प्रस्तुत जागर गायन का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा:
“जागर केवल गीत नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संवाद है – पूर्वजों, प्रकृति, देवशक्तियों और हमारी आत्मा के बीच। इसमें मंत्र जैसी शक्ति है जो देवत्व को आमंत्रित करती है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
मां सुरकंडा देवी: आस्था, परंपरा और विकास का संगम
मुख्यमंत्री ने मां सुरकंडा देवी को उत्तराखंड की लोक आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक बताया। उन्होंने प्रीतम भरतवाण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सुरकंडा देवी की महिमा को चलचित्र और जागर के माध्यम से जीवंत करना “अनुकरणीय और प्रेरणादायक” है।
उन्होंने लोगों से अपनी जड़ों से जुड़ने और उत्तराखंडी लोकसंस्कृति को जन-जन तक पहुँचाने का आग्रह किया।
“विकास भी, विरासत भी” की दिशा में आगे बढ़ता उत्तराखंड
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देशभर में “विकास भी और विरासत भी” की भावना के साथ कार्य हो रहे हैं। इसी दिशा में उत्तराखंड सरकार भी तीर्थ स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया:
-
केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं।
-
मानसखंड के प्राचीन मंदिरों के पुनरुत्थान व सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं।
-
हरिद्वार–ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर पर भी तेज़ी से कार्य किया जा रहा है।
-
मां सुरकंडा देवी मंदिर तक पहले जहां पैदल चढ़ाई करनी पड़ती थी, अब सरकार द्वारा संचालित रोपवे से श्रद्धालु सुगमता से दर्शन कर पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के वक्तव्य ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड अब योग्यता आधारित प्रशासन और सांस्कृतिक पुनरुत्थान – दोनों क्षेत्रों में नई पहचान बना रहा है। यह कार्यक्रम न केवल एक जागर विमोचन था, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और भविष्य की दिशा को रेखांकित करने वाला एक महत्वपूर्ण संदेश भी।
(रिपोर्ट: The Mountain Stories)