मुख्यमंत्री धामी एक्शन में, मुख्य अभियंता सुजीत कुमार निलंबित, पत्नी की फर्म में ट्रांसफर कराए थे 10 लाख रुपये

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मुख्य अभियंता सुजीत कुमार निलंबित, पत्नी की फर्म में ट्रांसफर कराए थे 10 लाख रुपये
पेयजल निगम में भ्रष्टाचार की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई, मुख्यमंत्री की सख्त नीति का असर

देहरादून/हल्द्वानी।
उत्तराखंड सरकार की ‘भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत पेयजल निगम में एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया गया है। उत्तराखंड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता एवं प्रभारी मुख्य अभियंता (कु0), हल्द्वानी में तैनात सुजीत कुमार विकास को गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलेष बगोली द्वारा बुधवार को जारी आदेश में बताया गया कि सुजीत कुमार विकास के खिलाफ एक ठेकेदार संजय कुमार की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में कहा गया था कि वर्ष 2022 में देहरादून में अधीक्षण अभियंता पद पर रहते हुए सुजीत कुमार ने संजय कुमार की फर्म ‘हर्ष इंटरप्राइजेज’ का निगम में पंजीकरण करवाने और ठेका दिलाने का आश्वासन दिया था।

आरोप है कि इसके बदले संजय कुमार से पांच किस्तों में कुल ₹10 लाख की राशि एक अन्य फर्म ‘कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज’ के खाते में ट्रांसफर कराई गई। यह फर्म सुजीत कुमार की पत्नी रंजु कुमारी की बताई जा रही है। धनराशि का स्थानांतरण काशीपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से 6, 7 और 8 जुलाई 2022 को किया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पेयजल निगम द्वारा अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार को 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया गया था। हालांकि, तय समयसीमा बीत जाने के बावजूद उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।

इस पूरे घटनाक्रम को कर्मचारी आचरण नियमावली का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए निगम ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान उन्हें पेयजल निगम के मानव संसाधन प्रकोष्ठ, महाप्रबंधक (प्रशिक्षण) कार्यालय, रुड़की से संबद्ध किया गया है।

निगम के अध्यक्ष ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि ऐसे गंभीर आरोपों के बाद संबंधित अधिकारी को पद पर बनाए रखना विभागीय कार्यप्रणाली पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।

सरकार की नीति के अनुरूप कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लगातार दिए जा रहे निर्देशों के तहत विभागीय कदाचार और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती बरती जा रही है। हालिया घटनाक्रम उसी नीति के अंतर्गत त्वरित कार्रवाई का उदाहरण माना जा रहा है।


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