केदारनाथ यात्रा फिर हुई मुश्किलों भरी, श्रद्धालुओं को 22 किमी पैदल चलना पड़ रहा, प्रशासन ने दी सावधानी बरतने की अपील

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केदारनाथ यात्रा फिर हुई मुश्किलों भरी, श्रद्धालुओं को 22 किमी पैदल चलना पड़ रहा, प्रशासन ने दी सावधानी बरतने की अपील
 विशेष संवाददाता, The Mountain Stories 

उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने केदारनाथ यात्रा को एक बार फिर दुश्वारियों भरा बना दिया है। भूस्खलन और सड़कें टूटने की घटनाओं के चलते श्रद्धालुओं को अब 22 किलोमीटर लंबा पैदल सफर तय करना पड़ रहा है।

पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने दी जानकारी

रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने बताया कि बारिश और भूस्खलन के चलते कई स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में जब तक वाहनों की आवाजाही बहाल नहीं होती, श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ तक पैदल यात्रा करनी होगी।
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग की ओर से लगातार मार्ग चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य जारी है, जिससे पैदल चलने लायक रास्ता किसी हद तक बहाल कर दिया गया है।

बारिश बनी बाधा, कभी भी रोका जा सकता है आवागमन

एसपी कोंडे ने स्पष्ट किया कि यदि बारिश का सिलसिला जारी रहा और मौसम बिगड़ा, तो श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनज़र आवागमन को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है।
प्रशासन ने यात्रियों से मौसम पूर्वानुमान देखकर ही यात्रा शुरू करने की अपील की है, ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

चारधाम यात्रा भी प्रभावित, यात्रियों को पड़ावों पर रोका जा रहा

प्रदेशभर में रुक-रुक कर हो रही बारिश का असर सिर्फ केदारनाथ ही नहीं, बल्कि चारधाम यात्रा के अन्य मार्गों पर भी देखने को मिल रहा है।
भूस्खलन की वजह से मार्गों के बाधित होने के चलते कई बार यात्रियों को रास्ते में ही पड़ावों पर रोकना पड़ रहा है। मार्ग साफ होने के बाद ही उन्हें आगे भेजा जा रहा है।

केदारघाटी से लगातार आ रही चिंताजनक तस्वीरें

केदारघाटी से मिल रही रिपोर्टों के मुताबिक, लगातार बारिश के चलते पैदल मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है। जिससे श्रद्धालुओं को कीचड़, फिसलन और जोखिम के बीच सफर करना पड़ रहा है।

प्रशासन की अपील: मौसम की जानकारी लेकर ही करें यात्रा

प्रशासन और पुलिस ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की अद्यतन जानकारी लें, और आपात स्थिति में धैर्य और संयम बनाए रखें।
वहीं, सभी कार्यदायी एजेंसियों को भी तेज गति से मरम्मत कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।


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