उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से खीरगंगा नदी में भीषण बाढ़, भारी तबाही – अब तक 4 की मौत, कई लापता

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उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से खीरगंगा नदी में भीषण बाढ़, भारी तबाही – अब तक 4 की मौत, कई लापता

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को धराली गांव में बादल फटने से खीरगंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई। इस आपदा ने धराली बाजार और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। जिला अधिकारी प्रशांत आर्य ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि विभिन्न मीडिया स्रोतों के अनुसार 10 से 12 मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि खीरगंगा के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटते ही मलबे और पानी का तेज़ सैलाब पलभर में धराली बाजार में घुस गया। देखते ही देखते 20 से 25 होटल और होमस्टे, कई दुकानें व घर मलबे में दब गए। बाढ़ से प्राचीन कल्प केदार मंदिर के भी मलबे में दबने की सूचना है। चारों ओर सिर्फ तबाही के निशान और मलबा नज़र आ रहा है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।

जान-माल का नुकसान

  • मृतक: 4 (आधिकारिक पुष्टि)

  • लापता: 10-12 लोगों के दबे होने की आशंका (स्थानीय सूत्र)

  • संरचनात्मक नुकसान: 20-25 होटल व होमस्टे, कई दुकानें व घर तबाह

  • धार्मिक स्थल: कल्प केदार मंदिर के मलबे में दबने की सूचना

राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन, भारतीय सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं। हर्षिल से आर्मी की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है, जबकि भटवाड़ी से एसडीआरएफ की टीम रवाना की गई।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने भारत सरकार से राहत व बचाव के लिए दो एमआई और एक चिनूक हेलिकॉप्टर की मांग की है। गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने बताया कि उन्होंने घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों को सूचित किया, जिसके बाद सभी संबंधित एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

अन्य क्षेत्रों में भी बारिश का कहर
इसी दिन सुबह बड़कोट तहसील क्षेत्र के बनाल पट्टी में भारी अतिवृष्टि से कुड गदेरा उफान पर आ गया, जिसमें करीब डेढ़ दर्जन बकरियां बह गईं। मौसम विभाग ने 10 अगस्त तक प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि नदियों-नालों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को निकाला जा रहा है और अस्थायी राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है।


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