उत्तरकाशी में आपदा का कहर, CM धामी ने किया स्थलीय निरीक्षण

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उत्तरकाशी में आपदा का कहर, CM धामी ने किया स्थलीय निरीक्षण

देहरादून/उत्तरकाशी। उत्तराखंड में लगातार बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। उत्तरकाशी जिले के धराली और स्यानाचट्टी में आपदा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस मानसून में प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने थराली, पौड़ी और पिथौरागढ़ का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य के कई हिस्सों में आपदाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आपदाओं का आकलन कर रही है और विशेषज्ञ संस्थान कारणों का अध्ययन कर रहे हैं। रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

धामी ने कहा कि सरकार हर आपदा प्रभावित क्षेत्र में खुद मौके पर पहुंच रही है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा है। मृतकों के परिजनों और मकान क्षति झेलने वाले परिवारों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि तत्काल जारी करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।

स्यानाचट्टी की स्थिति गंभीर
स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से करीब 400 मीटर क्षेत्र प्रभावित हो गया है। सरकारी और गैर-सरकारी परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। खतरे के चलते लोग अपने घरों और होटलों से सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। झील के मुहाने को खोलने के लिए सिंचाई विभाग तीसरे दिन भी मशीनें नहीं पहुंचा पाया। विभाग कुपड़ा खड्ड पर तीन पोकलेन मशीनें उतारने की कोशिश कर रहा है।

धराली-हर्षिल क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से मदद
धराली-हर्षिल क्षेत्र में आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से एमआई-17 हेलीकॉप्टर और मातली हेलीपैड से लगातार राशन और सामग्री भेज रहा है।

हाईवे पर भी संकट
लगातार बारिश और भूस्खलन से आवागमन भी बाधित है। गंगोत्री हाईवे नलूणा के पास दो दिन बाद सुचारू हो पाया, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास पांचवें दिन भी बंद रहा। इससे यमुनोत्री धाम सहित पांच गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। एनएच विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लगातार कटाव और मलबा गिरने से मार्ग खोलने में भारी दिक्कत आ रही है।

प्रशासन नलूणा भूस्खलन जोन की ड्रोन से निगरानी कर रहा है। वहीं, एनएच विभाग ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द मार्गों को खोलने का प्रयास जारी है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार युद्धस्तर पर आपदा से निपट रही है और प्रभावितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।


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