नवरात्र और त्योहारी सीजन को लेकर उत्तराखंड में कुट्टू आटे की बिक्री पर सख्त नियंत्रण, एफडीए ने जारी की मानक संचालन प्रक्रिया
देहरादून। नवरात्र और त्योहारी सीजन को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उपभोक्ताओं की सेहत को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कुट्टू आटे की गुणवत्ता, सुरक्षा और विक्रय पर विशेष निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। अब प्रदेश में बिना वैध खाद्य लाइसेंस के कुट्टू आटे का उत्पादन, भंडारण, वितरण व विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। इस दिशा में सख्त कार्रवाई का ऐलान भी किया गया है।
एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि नवरात्र के दौरान व्यापक रूप से उपवास में प्रयुक्त होने वाले कुट्टू आटे को अब केवल सीलबंद पैकेट में ही बेचा जाएगा। पैकेट पर अनिवार्य रूप से पैकिंग तिथि, अवसान तिथि, निर्माता/रिपैकर का पूरा पता, प्रतिष्ठान का नाम व लाइसेंस नंबर अंकित होना होगा, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित व मानक के अनुरूप उत्पाद मिल सके। खुले में कुट्टू आटे की बिक्री पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और जनस्वास्थ्य की दृष्टि से यह प्रथा पूरी तरह से हतोत्साहित की जाएगी।
एसओपी के तहत अभियान दो चरणों में संचालित किया जाएगा। पहले चरण में कुट्टू आटे के भंडारण, संग्रहण, वितरण और विक्रय करने वाले थोक विक्रेता, डिपार्टमेंटल स्टोर और फुटकर विक्रेताओं को चिन्हित कर बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में उत्पाद की गुणवत्ता, रखरखाव, भंडारण और लेबलिंग की शर्तों की जानकारी दी जाएगी। दूसरा चरण में नवरात्र प्रारंभ होने से पूर्व और नवरात्र अवधि के दौरान चिन्हित प्रतिष्ठानों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाएगा, ताकि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा खाद्य कारोबारी और उपभोक्ताओं के बीच कुट्टू बीज या आटे के क्रय-विक्रय का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखा जाएगा। सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित कारोबारियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के समन्वय में क्विक रिस्पॉन्स टीम गठित की जाएगी, जो कुट्टू आटे के सेवन से संबंधित बीमारियों की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। नवरात्र के दौरान जनपदों से प्राप्त खाद्य नमूनों की जांच प्राथमिकता से की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ राज्य में गुणवत्ता व स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006, नियम 2011 व संबंधित विनियमों का सख्ती से पालन कराया जाए ताकि पर्वतीय जनपदों से लेकर सभी उपभोक्ताओं को सुरक्षित और प्रमाणित उत्पाद मिल सकें।
यह कदम नवरात्र व त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे लोग श्रद्धा भाव से पर्व मनाते हुए स्वास्थ्य व सुरक्षा के दृष्टिकोण से आश्वस्त रहें।