देहरादून: राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और भगवान धनवंतरि के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं, बल्कि प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और स्वस्थ जीवन जीने की एक समग्र पद्धति है, जिसने सदियों से मानवता को निरोगी जीवन का मार्ग दिखाया है।
उत्तराखंड में आयुर्वेद को मिली नई पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने आयुष चिकित्सा और आयुर्वेद के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सरकार के निरंतर प्रयासों से लाखों की संख्या में नागरिक आयुर्वेद से लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में आयुर्वेद और योग पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके अंतर्गत –
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आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार,
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अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूती,
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ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आयुर्वेद आधारित स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित की जा रही है।
स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आयुर्वेद और योग की वैज्ञानिक परंपरा समाज को स्वस्थ, निरामय और सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में आयुर्वेदिक सिद्धांत और योग ही प्राकृतिक, सुरक्षित और दीर्घकालिक स्वास्थ्य का आधार बन सकते हैं।
प्रदेशवासियों से विशेष आह्वान
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा, बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायी साबित होगा।