देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नानूरखेड़ा स्थित एससीईआरटी ऑडिटोरियम में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 75 छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। साथ ही उत्कृष्ट परिणाम देने वाले विद्यालयों के तीन-तीन प्रधानाचार्यों और श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 50-50 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया गया।
शिक्षा में नवाचार और परंपरा का संगम
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर उसमें राष्ट्रप्रेम, नैतिक मूल्य, सामाजिक समरसता और व्यावहारिकता का समावेश करने पर बल देते थे। इसी दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की, जिसे राज्य सरकार पूरी गंभीरता से लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म विकसित किए जा रहे हैं। साथ ही ‘हमारी विरासत’ नामक पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और महान विभूतियों से परिचित कराया जा रहा है।
डिजिटल और वर्चुअल शिक्षा को बढ़ावा
धामी ने बताया कि प्रदेश में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा सभी 13 जनपदों के 1300 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों तक शिक्षा पहुँचाने के लिए 5 पीएम ई-विधा चैनल भी शुरू किए गए हैं।
मेधावी छात्रों के लिए योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत मासिक छात्रवृत्ति दी जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड से कक्षा 10 और 12 के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजा जा रहा है, ताकि उनका व्यक्तित्व विकास हो सके और वे व्यापक दृष्टिकोण से राष्ट्र को समझ सकें।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता
सरकार की ओर से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), एनडीए, सीडीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए ₹50,000 की वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।
युवाओं को नौकरी के अवसर
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बीते चार वर्षों में राज्य में रिकॉर्ड 25 हजार युवाओं को पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी मिली है। उनका कहना था कि पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से युवाओं का विश्वास बढ़ा है और यही सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।