पेपर लीक प्रकरण: सीएम धामी ने की सीबीआई जांच की घोषणा, आंदोलनकारी युवाओं ने आठवें दिन धरना स्थगित किया
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की 21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र के तीन पन्ने हरिद्वार के एक केंद्र से बाहर आने और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। युवाओं ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच और परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर देहरादून परेड ग्राउंड में आठ दिन से धरना दे रखा था। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक धरना स्थल पर पहुंचे और युवाओं से संवाद करते हुए मामले की सीबीआई जांच की घोषणा कर दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के मन में किसी भी तरह का संदेह या अविश्वास न रहे, इसके लिए सरकार ने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी है। साथ ही, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी जांच भी जारी रहेगी। सीएम ने स्पष्ट किया कि यदि एसआईटी की रिपोर्ट में गड़बड़ियां सामने आती हैं तो परीक्षा निरस्त भी की जा सकती है।
युवाओं पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
सीएम धामी ने आंदोलनकारी युवाओं को भरोसा दिलाया कि आंदोलन के दौरान यदि कहीं कोई मुकदमा दर्ज हुआ है तो उसे वापस लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो। बीते चार वर्षों में 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां इसी संकल्प के साथ कराई गई हैं।
धरना स्थगित, सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
सीएम की घोषणा के बाद बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने धरना स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार को भर्ती परीक्षा निरस्त करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। यदि तय समय में परीक्षा निरस्त नहीं होती तो बेरोजगार युवा दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे।
अब तक की कार्रवाई
पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को एसआईटी गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में खालिद द्वारा प्रश्न पत्र असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजे जाने और उससे उत्तर लेने की कोशिश का खुलासा हुआ है। असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, हरिद्वार केंद्र में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी, सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी को भी निलंबित किया गया है।
गौरतलब है कि 21 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा में 416 पदों के लिए 1,05,803 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।