चारधाम यात्रा अंतिम चरण में, 45 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन; 22 और 23 अक्टूबर को बंद होंगे कपाट
देहरादून। इस वर्ष की चारधाम यात्रा अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है। 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई यात्रा में अब तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे। हालांकि, बीच में आपदा के कारण यात्रा कुछ समय के लिए बाधित भी रही।
गंगोत्री धाम: 22 अक्टूबर को बंद होंगे कपाट
गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 36 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद किए जाएंगे। मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की विग्रह डोली आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना होगी। 22 अक्टूबर की रात डोली मार्कंडेय मंदिर में विश्राम करेगी और 23 अक्टूबर को मुखबा गांव स्थित गंगा मंदिर में छह माह के लिए स्थापित की जाएगी।
यमुनोत्री धाम: 23 अक्टूबर को होगा समापन
यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को भैया दूज के पावन पर्व पर बंद होंगे। मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि कपाट बंद होने का मुहूर्त विजयदशमी (2 अक्टूबर) को पंचांग के अनुसार निकाला जाएगा। इसके बाद मां यमुना की शीतकालीन पूजा शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में होगी।
केदारनाथ धाम: इस बार यात्रियों की संख्या कम
विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट भी 23 अक्टूबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे। अब तक यहां 15 लाख 85 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। प्रतिदिन करीब चार हजार भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार यात्रियों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। बीते साल पूरे सीजन में लगभग 19 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जबकि इस बार अंतिम आंकड़ा 17 लाख तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
बद्रीनाथ धाम
बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि पर मंदिर समिति जल्द घोषणा करेगी। उम्मीद है कि दीपावली के बाद कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।