उत्तराखंड में आबकारी विभाग के राजस्व में उछाल, साल के अंत तक 5060 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने का दावा
देहरादून। उत्तराखंड आबकारी विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड राजस्व संग्रह की उम्मीद जताई है। विभाग का दावा है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य हासिल होने की संभावना है, जो पिछले वर्ष के 4439 करोड़ रुपये से करीब 700 करोड़ रुपये अधिक है। यह जानकारी आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने दी।
आयुक्त के अनुसार नई आबकारी नीति के असर से बड़ी संख्या में लोगों ने वैध लाइसेंसी दुकानों से शराब की खरीदारी की है, जिससे विभाग को सीधे राजस्व लाभ हुआ है। साथ ही बाहरी राज्यों से अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए विभाग ने लगातार सख्त अभियान चलाए, जिनका सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है।
शराब बिक्री में 5.25% की बढ़ोतरी
आबकारी विभाग के अनुसार 20 अक्टूबर 2024-25 की तुलना में 20 अक्टूबर 2025-26 तक राज्य में 3.2 लाख केस अधिक शराब की बिक्री दर्ज की गई है। यह लगभग 5.25 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है। इसी बिक्री वृद्धि से सरकार के राजस्व में 700 करोड़ रुपये की संभावित बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है।
वैट में कमी से हुआ असर, पर अवैध तस्करी रोकना प्राथमिकता
आयुक्त अनुराधा पाल ने बताया कि विभाग ने पिछले कुछ महीनों में वैट (VAT) में कमी की, जिससे सरकारी खजाने में शुरुआती तौर पर हल्की कमी आई, लेकिन यह कदम जनता के हित और अवैध शराब रोकने के लिए आवश्यक था। उन्होंने बताया—
“वैट घटाने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि राज्य में अवैध सस्ती शराब की तस्करी पूरी तरह रोकी जा सके।”
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में शराब पर वैट नहीं लगता, जबकि उत्तराखंड में देसी और विदेशी दोनों शराबें पहले से ही महंगी हैं। दोनों राज्यों के दामों के अंतर को कम कर तस्करी रोकना आबकारी नीति का मुख्य उद्देश्य है।
वैध बिक्री से बढ़ रहा राजस्व
आयुक्त ने कहा कि विभाग की नई रणनीति “वैध खरीद–अवैध कारोबार बंद” के सिद्धांत पर आधारित है। इसके तहत:
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अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी अभियान तेज
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कड़े प्रवर्तन और चौकसी से तस्करी में कमी
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लाइसेंसी दुकानों की मॉनिटरिंग और पारदर्शी सिस्टम
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ऑनलाइन ट्रैकिंग से अवैध सप्लाई चेन पर रोक
विभाग का दावा – लक्ष्य के पार जा सकता है राजस्व
विभाग का कहना है कि पर्वतीय जिलों में पर्यटन गतिविधि और त्योहारों के मौसम के कारण अगले कुछ महीनों में शराब बिक्री और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में अनुमान है कि 5060 करोड़ रुपये का लक्ष्य पार भी हो सकता है।
