रजत जयंती पर पर्वत रानी मसूरी बनेगी उत्सव की राजधानी, रोशन गलियां और लोकधुनों से गूंजेगा शहर
मसूरी: देवभूमि उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश में रजत जयंती समारोह की तैयारियां चरम पर हैं। राज्य की शान कही जाने वाली पर्वत रानी मसूरी भी इस ऐतिहासिक अवसर पर दुल्हन सी सजने जा रही है। नगर पालिका परिषद मसूरी की अध्यक्ष मीरा सकलानी के नेतृत्व में शहर को जगमग रोशनियों से सजाने और दो दिवसीय भव्य आयोजनों की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
शोभायात्रा से होगा रजत जयंती समारोह का आगाज़
अध्यक्ष मीरा सकलानी ने बताया कि 8 नवंबर को मसूरी में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा सर्वे ग्राउंड से शुरू होकर गांधी चौक तक जाएगी। पारंपरिक वेशभूषा में सजे स्थानीय नागरिक, विद्यार्थी और सांस्कृतिक दल इस दौरान उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और विरासत की झलक पेश करेंगे।
गांधी चौक स्थित शहीद स्थल पर महायज्ञ का आयोजन होगा, जहां प्रदेश की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की जाएगी तथा राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
सांस्कृतिक संध्या में झलकेगी ‘पहाड़ की परंपरा’
9 नवंबर को मसूरी के ऐतिहासिक टाउन हॉल में भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। इस अवसर पर मसूरी और आसपास के कलाकारों के साथ प्रदेश के प्रसिद्ध लोकगायक मंच पर प्रस्तुति देंगे।
कार्यक्रम में गायक अज्जू तोमर, संगीता ढौड़ियाल, संजय कुमोला, जितेंद्र पंवार, अमित खरे, अंजलि खरे, प्रेरणा भंडारी नेगी और हास्य कलाकार त्रिलोक चौहान अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। इस कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र रावत करेंगे।
शहर को उत्सवमय बनाने के लिए जड़ीपानी, बालूगंज, हाथीपांव और मुख्य बाजारों को रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से दोगुना उत्साह
अध्यक्ष मीरा सकलानी ने बताया कि उत्तराखंड की रजत जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को देहरादून आ रहे हैं, जिससे प्रदेशवासियों में उत्साह दोगुना हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।
पलायन रोकने और पहाड़ों को संवारने पर जोर
मीरा सकलानी ने कहा कि अब समय है कि सभी राजनीतिक, सामाजिक और जनसंगठन मिलकर विचार करें कि आने वाले 25 वर्षों में उत्तराखंड को कैसे और मजबूत बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि पलायन रोकना, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना और पर्यटन आधारित रोजगार को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है।
होमस्टे योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है — इससे जहां पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है।
पर्वत रानी से देवभूमि तक गूंजेगा जश्न
उत्तराखंड की रजत जयंती पर मसूरी का यह उत्सव प्रदेश की सांस्कृतिक अस्मिता, लोक परंपरा और जनभावनाओं का अनूठा संगम बनेगा। पर्वत रानी मसूरी की गलियां इन दो दिनों में सचमुच ‘देवभूमि के उत्सव’ का प्रतीक बन जाएंगी।
