उत्तराखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: अब महिलाएं नाइट शिफ्ट में भी कर सकेंगी काम, मानव-वन्यजीव संघर्ष में मौत पर 10 लाख मुआवजा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक की शुरुआत उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद कैबिनेट ने विभिन्न विभागों से आए प्रस्तावों पर निर्णय लिया।
महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति
राज्य की दुकानों और प्रतिष्ठानों में महिला कर्मकार अब रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी।
यह अनुमति केवल उनकी लिखित सहमति और सुरक्षा के पर्याप्त प्रावधानों के साथ ही दी जाएगी।
इस निर्णय से महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे और उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
मानव-वन्यजीव संघर्ष में मौत पर मुआवजा बढ़ा
प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए मृतक आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है।
सरकार पहले ही ऐसी घटनाओं में घायलों के इलाज का खर्च वहन करने की घोषणा कर चुकी है।
अन्य प्रमुख फैसले
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अभियोजन विभाग के पुनर्गठन के तहत सहायक अभियोजन अधिकारी (APO) के 46 नए पद सृजित करने को मंजूरी। पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले शामिल।
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उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के वित्तीय लेखा-जोखा 2024-25 को विधानसभा पटल पर रखने की मंजूरी।
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उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के वर्ष 2022-23 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधानसभा में रखने को मंजूरी।
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जिला विकास प्राधिकरण क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृति संबंधी नियमों पर पुनः परीक्षण किए जाने का निर्णय।
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उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन (रोजगार विनियमन एवं सेवा-शर्त) (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को मंजूरी
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प्रतिष्ठान के पंजीकरण के लिए अब 10 की जगह 20 कर्मचारी जरूरी होंगे
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संशोधन से छोटे प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी
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देहरादून में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना पर आगे की प्रक्रिया के लिए केंद्र सरकार के सुझावों के अनुरूप मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा समेत अन्य मंत्री मौजूद रहे, जबकि सतपाल महाराज और धन सिंह रावत वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए। शिक्षा विभाग से संबंधित दो प्रस्तावों को पुनः परीक्षण के लिए वापस भेज दिया गया है।
