उपनल कर्मचारियों को बड़ी राहत: सरकार ने वापस लिया ‘नो वर्क, नो पे’ आदेश, हड़ताल अवधि को अवकाश में होगा समायोजित

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उपनल कर्मचारियों को बड़ी राहत: सरकार ने वापस लिया ‘नो वर्क, नो पे’ आदेश, हड़ताल अवधि को अवकाश में होगा समायोजित

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने उपनल (आउटसोर्स) कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने पिछले आदेश को बदलते हुए हड़ताल अवधि के दौरान हुई अनुपस्थिति को ‘नो वर्क, नो पे’ के अंतर्गत रखने के बजाय अर्जित अवकाश में समायोजित करने के निर्देश दिए हैं। इससे हड़ताली कर्मचारियों को वेतन भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा।

10 नवंबर 2025 से 25 नवंबर 2025 तक की हड़ताल अवधि को अर्जित अवकाश में समायोजित किया जाएगा। शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब इन 16 दिनों के लिए कर्मचारियों के मानदेय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

संवेदनशील मांगों को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला

अपर सचिव श्याम सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि उपनल कर्मचारियों की नियमितीकरण और सेवा शर्तों को लेकर उठाई गई मांगों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है। संबंधित विभागों, निगमों और संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि हड़ताल अवधि के अवकाश समायोजन के बाद कर्मचारियों का मानदेय समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

शासन ने यह भी स्पष्ट किया कि अवकाश समायोजन निर्धारित नियमों और मानदंडों के अनुसार ही किया जाए तथा किसी भी प्रकार का अनुचित लाभ न दिया जाए।

पारदर्शी प्रक्रिया के निर्देश

जिलाधिकारियों, विभागाध्यक्षों और मंडलायुक्तों को आदेश दिया गया है कि समायोजन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और रिकॉर्ड-आधारित हो। समायोजित अवकाश की रिपोर्ट समय पर उच्चाधिकारियों को भेजना अनिवार्य किया गया है। आदेश की प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिवालय को भी प्रेषित की गई है।

लंबे समय से नियमितीकरण की मांग

उपनल कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण और समान काम के बदले समान वेतन की मांग कर रहे हैं। हालिया हड़ताल इसी आंदोलन का हिस्सा थी। सरकार से वार्ता के बाद अब इस फैसले को कर्मचारियों के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार चरणबद्ध तरीके से उपनल कर्मियों के लिए “समान काम, समान वेतन” नीति को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

सरकार के इस कदम से उपनल कर्मचारियों की असंतुष्टि कम होने और नियमितीकरण की प्रक्रिया में सकारात्मक प्रगति की उम्मीद जताई जा रही है।


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