दिव्यांगजनों के सम्मान का दिवस: मुख्यमंत्री ने 41 प्रतिभागियों को किया सम्मानित
रिपोर्ट: ओम जोशी | The Mountain Stories
हल्द्वानी, 3 दिसंबर 2025
विश्व दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा मंगलवार को हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 41 दिव्यांगजन प्रतिभागियों को 8,000 रुपये की पुरस्कार राशि, मेडल, प्रशस्ति पत्र और मानपत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनका मनोबल भी बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उन असाधारण व्यक्तियों को सम्मान देने का अवसर है जिन्होंने चुनौतियों को अवसर और संघर्षों को प्रेरणा में बदलकर समाज को दिशा दी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता शरीर में हो सकती है, लेकिन सपनों और इच्छाशक्ति में नहीं। आज दिव्यांगजन खेल, कला, शिक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
सीएम धामी ने अपने संबोधन में भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर, इंग्लिश चैनल पार करने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया और बिना हाथों के विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियन बनीं शीतल देवी जैसी प्रेरक सफलताओं का उदाहरण देते हुए दिव्यांगजनों की प्रतिभा और दृढ़संकल्प पर प्रकाश डाला। उन्होंने हाल ही में कोलंबो में टी-20 ब्लाइंड वुमेन वर्ल्ड कप–2025 जीतने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपलब्धि पर भी गर्व जताया।
दिव्यांगजन कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रमुख पहलें
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं की जानकारी साझा की—
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आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों को 1500 रुपये मासिक पेंशन
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दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को 700 रुपये मासिक भरण-पोषण अनुदान
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तीलू रौतेली विशेष दिव्यांग पेंशन और बौना पेंशन योजना के तहत 1200 रुपये पेंशन
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सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4%
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दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति एवं निःशुल्क ऑनलाइन सिविल सेवा कोचिंग
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कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने के लिए 7000 रुपये तक का अनुदान
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दिव्यांग से विवाह करने पर 50,000 रुपये प्रोत्साहन राशि
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जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से योजनाओं का एकीकृत लाभ
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ऊधमसिंह नगर में मानसिक रूप से दिव्यांगों के लिए पुनर्वास गृह
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देहरादून में राज्य का पहला प्रधानमंत्री दिव्यांशा केंद्र संचालित
उन्होंने बताया कि राज्य गठन के बाद पहली बार दिव्यांग सर्वेक्षण भी प्रारंभ किया गया है, जिससे दिव्यांगजनों की वास्तविक संख्या और आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं को और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
सीएम ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि दिव्यांगजनों को समाज में समान अवसर, सम्मान और स्वावलंबन का वातावरण मिले।
