आखिरकार कई उतार चढ़ाव और विवादों के बीच फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) की रिलीज डेट तय हो गयी है। ये फिल्म सिनेमाघरों में 11 मार्च को रिलीज होगी। रिलीज से पहले यह फिल्म अपनी कहानी को लेकर काफी ज्यादा चर्चाओं में रही है। वहीं रिलीज होने से पहले जम्मू में कश्मीरी पंडितों के लिए इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई।
देखिये ‘द कश्मीर फाइल्स’ ट्रेलर…
गौरतलब है की कोर्ट में एक याचिका दायर कर के फिल्म की रिलीज डेट रोकने की अर्जी दी गई थी। इस याचिका में फिल्म पर साम्प्रदायिक हिंसा का आरोप लगाते हुए यह बताया गया था कि इस फिल्म के ट्रेलर में मुस्लिमों को कश्मीरी पंडितों का नरसंहार करते हुए दिखाया गया है, जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं। याचिकाकर्ता का आरोप था कि यह फिल्म इस घटनाक्रम के एक ही पक्ष को दिखाती है, जो हिन्दू समाज को आक्रोशित और भड़का सकती है। इस याचिका में फिल्म की रिलीज़ को रोकने की मांग के साथ-साथ यूट्यूब से इसके ट्रेलर को भी हटाने की मांग की गई थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई की जानकारी के मुताबिक, ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की रिलीज रोकने पर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसको लेकर आज कोर्ट ने इस याचिका को रद्द कर दिया और फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी।
‘द कश्मीर फाइल्स’ की बात करें तो फिल्म की कहानी 90 के दशक में कश्मीर में कश्मीरी पंडित के पलायन और उनकी हुई हत्या से जुड़ी फिल्म है। फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार, भाषा सुम्बली, चिन्मय मंडलेकर, पुनीत इस्सर, मृणाल कुलकर्णी, अतुल श्रीवास्तव और पृथ्वीराज सरनाइक मुख्य कलाकार हैं । ये फिल्म कश्मीरी पंडितों के दर्द के साथ-साथ उस दौर की राजनीति पर भी उठाती है। इससे पहले विवेक पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत पर आधारित फिल्म द ताशकंद फाइल्स भी बना चुके हैं। द ताशकंद फाइल्स के बाद वह फिर से रोंगटे खड़े कर देने वाली फिल्म लेकर वापस आ गए हैं।
मेकर्स अपनी फिल्म का प्रमोशन ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) में करना चाहते थे। ‘द कपिल शर्मा शो’ में हर सप्ताह फिल्म को प्रमोट करने के लिए बड़े-बड़े स्टार्स पहुंचते हैं। लेकिन, कपिल शर्मा ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का प्रमोशन यह कहकर करने से इंकार करने से इंकार कर दिया कि फिल्म में कोई बड़ा स्टार नहीं है।
फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि 1990 में हुआ कश्मीरी नरसंहार भारतीय राजनीति का एक अहम और संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए इसे पर्दे पर उतारना कोई आसान काम नहीं था। फिल्म के मेकर्स का दावा है कि इसकी कहानी कश्मीरी पंडितों के दर्द को लोगों के सामने लाएगी।