ज्ञानवापी मस्ज़िद विवाद के बाद देश में तमाम धार्मिक स्थलों और स्मारकों को लेकर एक बहस छिड़ गई, आलम ये है कि रोजाना नए-नए दावे किए जा रहे हैं।
इसी बीच नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष 2022 के समापन समारोह के दौरान सर संघ चालक ने ज्ञानवापी के मुद्दे पर कहा कि इतिहास हम बदल नहीं सकते।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने ज्ञानवापी मुद्दे का जिक्र कर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?, अब हमें कोई आंदोलन नहीं करना है।’
नागपुर में संगठन के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए। विवाद को क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है। लेकिन, हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?
इस दौरान मोहन भागवत ने ये भी साफ किया कि राम मंदिर के बाद अब किसी भी धार्मिक स्थल को लेकर ऐसा आंदोलन नहीं खड़ा किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हमने 9 नवंबर को कह दिया कि एक राम जन्मभूमि का आंदोलन था जिसमें हम अपनी प्रकृति के विरुद्ध कुछ ऐतिहासिक कारणों से इसमें सम्मिलित हुए। वह कार्य पूरा हुआ, अब हमें कोई आंदोलन नहीं करना है।’
इस दौरान भागवत यह भी बोले कि देश में इस्लाम बाहर से आया। इसे लाने वाले हमलावर थे। उन हमलों में देवस्थानों को तोड़ा गया। आरएसएस चीफ के अनुसार, भारत को विश्वविजेता नहीं बनना है। उसका मकसद सभी को जोड़ना होना चाहिए। भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है।
गुरुवार को मोहन भागवत नागपुर में एक कार्यक्रम के समापन समारोह में पहुंचे थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने मुस्लिमों के पूर्वजों को हिंदू करार दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदुओं को यह समझना चाहिए कि मुसलमान उनके अपने पूर्वजों के वंशज हैं और ‘खून के रिश्ते से उनके भाई हैं।’
संघ प्रमुख ने कहा, ‘ अगर वे वापस आना चाहते हैं तो उनका खुली बाहों से स्वागत करेंगे। अगर वे वापस नहीं आना चाहते, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, पहले ही हमारे 33 करोड़ देवी-देवता हैं, कुछ और जुड़ जाएंगे…. हर कोई अपने धर्म का पालन कर रहा है।’