ब्रॉडकास्टर्स और केबल ऑपरेटर्स के बीच विवाद, टीवी चैनल बंद, जानिए क्या है वजह

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क्या आप भी अपने घर मे केबल टीवी पर चलने वाले डिज्नी स्टार, जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया लिमिटेड सहित कई प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स का मज़ा नहीं ले पा रहें हैं? तो हम बताते हैं की इसकी प्रमुख वजह क्या है। दरअसल ब्रॉडकास्टर्स टीवी चैनल के दाम बढ़ाने का दबाव बना रहे हैं जिसको लेकर सभी एमएसओ (मल्टी सिस्टम ऑपरेटर) विरोध में आ गए हैं। जिसको लेकर ब्रॉडकास्टर्स ने अपने चैनलों के सिग्नल देना बंद कर दिया। ब्रॉडकास्टर्स ने 15 फरवरी को केबल ऑपरेटरों/मल्टी सिस्टम ऑपरेटरों को क्षेत्रीय नियामक ट्राई (TRAI) द्वारा जारी न्यू टैरिफ ऑर्डर (NTO) 3.0 के लिए इंटरकनेक्ट ऑफर (RIO) पर साइन करने के लिए नोटिस जारी किया है। एनटीओ 3.0 के तहत लोकप्रिय चैनलों की कीमतों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।

केबल टीवी पर मनोरंजन चैनलों का लुत्फ लेने वाले दर्शकों का मजा किरकिरा होने लगा है। डिज्नी-स्टार, सोनी और जी ने फेडरेशन के सदस्यों के साथ-साथ अन्य केबल टीवी प्लेटफॉर्म्स के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं। इससे पहले ब्रॉडकास्टर्स ने 15 फरवरी को केबल ऑपरेटरों/मल्टी सिस्टम ऑपरेटरों को क्षेत्रीय नियामक ट्राई द्वारा जारी न्यू टैरिफ ऑर्डर (NTO) 3.0 के लिए इंटरकनेक्ट ऑफर (RIO) पर साइन करने के लिए नोटिस जारी किया था। कहा जा रहा है कि केबल टीवी प्लेटफॉर्म ने प्रसारकों के अनुचित मूल्य निर्धारण का विरोध किया, जिसके चलते उन्होंने प्रसारकों का संशोधित रेफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर (RIOs) नहीं माना, जिसको लेकर ब्राडकास्टर्स ने अपने चैनलों के सिग्नल देना बंद कर दिया। इस कारण से सोनी, जी, स्टार, डिज्नी स्टार आदि चैनल सिग्नल नहीं आने से बंद पड़े हुए हैं।

डिजिटल केबल टेलीविजन कंपनियों की शीर्ष संस्था ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईडीसीएफ) ने कहा कि उन्होंने समझौते पर साइन करने से मना कर दिया है क्योंकि इससे कॉस्ट 25 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो जाएगी और यूजर्स पर पैसे का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। एआईडीसीएफ इस पर कानूनी सहारा लेने पर विचार कर रहा है।

वहीं इस बारे में ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन’ (IBDF) के सेक्रेट्री जनरल सिद्धार्थ जैन का कहना है कि  ‘हालांकि, 80 प्रतिशत ऑपरेटर्स (डीटीएच और एमएसओ) ने एनटीओ 3 के तहत हस्ताक्षर कर दिए हैं, लेकिन बाकी ऑपरेटर्स को बोर्ड पर लाने के हमारे प्रयासों के बावजूद उन्हें वापस खींचा जा रहा है। इसलिए, ब्रॉडकास्टर्स के पास इन डिस्ट्रीब्यूटर्स को कंटेंट की आपूर्ति बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। हम उनके सहयोग के प्रति आशान्वित हैं और एक ऐसे परिदृश्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं जहां देश भर के सभी टेलीविजन व्यूअर्स के लिए सहजता से कंटेंट उपलब्ध हो।

इसके चलते देशभर में करीब साढ़े चार करोड़ परिवार इन प्रसारकों की ओर से प्रसारित किए जाने वाले चैनलों को केबल टीवी पर देखने से वंचित हो गए हैं।


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