देहरादून/नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित डायरेक्ट सेलिंग महिला उद्यमिता समिट 2025 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने देशभर से आई महिला उद्यमियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत की मातृशक्ति आज हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। उन्होंने सेना, राजनीति, खेल, विज्ञान, कृषि, शिक्षा और उद्योग जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को सराहनीय बताया।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयास—
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला उत्थान के लिए हो रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले 11 वर्षों में 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के जन-धन खाते खोले गए हैं। इसके साथ ही लखपति दीदी योजना के तहत 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का लक्ष्य पूरा किया गया है। उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना के माध्यम से 30 करोड़ से अधिक महिलाओं को ऋण प्रदान कर आत्मनिर्भर बनने में सहायता दी गई है।

इसके अलावा, महिला सशक्तिकरण के लिए संसद में 33% आरक्षण देने का कानून पारित किया गया है, जिससे लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की पहल—
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सरकार भी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर क्षेत्र में कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30% क्षैतिज आरक्षण देकर उनके उचित प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया है।

उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें। लखपति दीदी योजना के तहत उत्तराखंड में अब तक 1 लाख से अधिक महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम बन चुकी हैं, और सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक 1.5 लाख महिलाएं लखपति दीदी बनें।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने ‘सशक्त बहना उत्सव योजना’ और ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’ जैसी योजनाएं भी चलाई हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
समिट में अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति—
इस अवसर पर दिल्ली से सांसद प्रवीण खंडेलवाल, राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहिला और डॉ. संजीव कुमार भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे धरातल पर लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।