‘द माउंटेन स्टोरीज़’ संवाददाता रिपोर्ट
काठगोदाम/नैनीताल, 13 जून/ भीमताल और नैनीताल मार्ग पर लगने वाले जाम से राहत दिलाने के लिए प्रस्तावित कैंचीधाम बाईपास परियोजना को एक बार फिर झटका लगा है। वन भूमि को लेकर आपत्ति जताते हुए वन विभाग ने जिला प्रशासन की ओर से भेजी गई फाइल वापस लौटा दी है। विभाग का कहना है कि क्षतिपूरक वनीकरण के लिए प्रस्तावित भूमि उपयुक्त नहीं है, क्योंकि उसमें से आधे हिस्से में पहले ही पौधरोपण हो चुका है।
यह बाईपास परियोजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन कुछ समय बाद ठंडे बस्ते में चली गई। वर्ष 2023 में इसे दोबारा सक्रिय किया गया। योजना के तहत गुलाबघाटी से अमृतपुर तक लगभग 3.5 किलोमीटर लंबा बाईपास निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें गौला नदी पर एक पुल का निर्माण भी शामिल है। इस बाईपास का एक हिस्सा वन भूमि से होकर गुजरता है, जिसके लिए नियमानुसार अन्य स्थान पर वनीकरण की भूमि उपलब्ध करानी होती है।
प्रशासन ने नैनीताल वन प्रभाग में 6.54 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर वन विभाग को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन नोडल अधिकारी रंजन मिश्रा ने इसका बड़ा हिस्सा अनुपयुक्त घोषित कर दिया। विभाग के अनुसार, यह भूमि वनीकरण के मानकों को पूरा नहीं करती क्योंकि इसमें आंशिक रूप से पहले ही पौधारोपण किया जा चुका है।
इस आपत्ति के बाद अब वन, लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम चिन्हित भूमि का भौतिक निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के बाद नई रिपोर्ट तैयार कर वन विभाग को पुनः प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इसी के साथ, हाईकोर्ट के लिए आरक्षित भूमि के एक हिस्से को भी बाईपास परियोजना के लिए उपयोग में लाने पर विचार चल रहा है।
जिलाधिकारी वंदना ने बताया, “बाईपास के लिए दी गई भूमि को लेकर आपत्ति आई है, जिसे देखते हुए अब संयुक्त टीम निरीक्षण करेगी। साथ ही हाईकोर्ट की भूमि से एक हिस्सा प्रस्तावित किया जा रहा है, जिसका प्रस्ताव जल्द भेजा जाएगा।”
कैंचीधाम, प्रसिद्ध बाबा नीम करौली मंदिर का स्थल होने के कारण देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यात्रा सीजन में भीमताल और नैनीताल रोड पर भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में यह बाईपास श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगों की आवाजाही को भी सुगम बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
अब आगे क्या?
संयुक्त निरीक्षण के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि प्रस्तावित भूमि को लेकर कोई समाधान निकलेगा, जिससे बाईपास निर्माण की राह फिर से खुल सकेगी।