उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। गैरसैंण में तीन दिन चले विधानसभा सत्र में सरकार ने 5000 करोड़ रुपये के करीब का अनुपूरक बजट पास किया और आठ विधेयक पास किये। वहीँ विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई, कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश में आई आपदा से प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर जमकर हंगामा काटा। कांग्रेस के विधायकों ने सत्र का बहिष्कार कर दिया और विधायकों ने विधानसभा के बाहर जमकर नारेबाजी की।
भराड़ीसैंण में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का आज तीसरा दिन था। जहाँ बीते दो दिनों में सदन में आठ विधेयक पेश हुए। वहीं, करीब पांच हजार करोड़ का अनुपूरक बजट भी पेश किया गया था। तीसरे दिन की कार्यवाही में नगर निगम व नगर पालिका संशोधन विधेयक के लिए संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में प्रवर समिति का गठन किया गया। एक महीने के अंतराल में प्रवर समिति को ड्राफ्ट देना होगा, वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने ड्राफ्ट की कई खामियों पर सवाल उठाए थे।
वहीं विपक्ष ने आपदा को नियम 310 में ना सुनने का आरोप लगाया। यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि प्रदेश आपदा से त्रस्त है, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है। यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन के बाद भी उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि सरकार बुनियादी सवालों से बचना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इसके बाद विपक्षी विधायक सदन से वॉकआउट कर विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए।