उत्तराखंड बोर्ड से दसवीं की परीक्षा देने वाले 1.29 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को रिजल्ट का इंतजार किए बगैर 11वीं में प्रवेश मिलेगा। ऐसे प्रवेश अनुबंध के आधार पर होंगे। शिक्षा निदेशक की ओर से विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।परीक्षार्थी अगर हाईस्कूल परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहता है तो 11वीं में दिया गया प्रवेश स्वत: ही निरस्त हो जाएगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाएं करीब एक माह देरी से शुरू होकर 19 अप्रैल को संपन्न हुई हैं। वर्तमान में मूल्यांकन कार्य जारी है। मूल्यांकन पूर्ण होने के बाद परीक्षाफल तैयार होने में करीब दो सप्ताह का समय लग सकता है। परीक्षा परिणाम घोषित होने से पूर्व के समय का छात्रहित में सदुपयोग हो, इसके लिए 10वीं की परीक्षा देने वाले सभी छात्र-छात्राओं को कक्षा 11 में प्रवेश देकर पठन-पाठन प्रारंभ करने के लिए कहा है। रिजल्ट के इंतजार में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, विद्यालयी शिक्षा विभाग ने इस कारण यह फैसला लिया है।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने जारी निर्देश में कहा कि 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 19 अप्रैल 2022 को समाप्त हो चुकी हैं। बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आने में अभी समय लगने की संभावना है। आम तौर पर इसके बाद ही कक्षा-11 में प्रवेश की कार्यवाही की जाती है। लेकिन शिक्षा मंत्री की ओर से अपेक्षा की गई है कि 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को परीक्षा परिणाम घोषित होने से पूर्व के समय का छात्रहित में सदुपयोग किया जा सके इसके लिए उन्हें 11वीं कक्षा में औपबंधिक प्रवेश कराते हुए पठन-पाठन शुरू किया जाए।
अनुबंध के आधार पर कक्षा 11 में दिया जाना वाला प्रवेश औपबंधिक होगा। प्रवेश लेने वाले ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए अलग से अस्थायी प्रवेश पंजिका तैयारी की जाएगी। अभिभावकों को घोषणापत्र देना होगा कि बच्चे के 10वीं में उत्तीर्ण नहीं होने की स्थिति मे उसका प्रवेश मान्य नहीं होगा। दसवीं परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर प्रवेश नियमित कर दिया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जो 11वीं में दूसरे स्कूल में औपबंधिक प्रवेश लेते हैं उन्हें अपने मूल विद्यालय के प्रधानाचार्य से बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। 10वीं पास होने पर स्थानांतरण प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल परीक्षा में इस बार 1,29,785 परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। प्रदेश के 1333 केंद्रों पर 28 मार्च से 19 अप्रैल तक परीक्षा चली। बोर्ड ने 9 मई तक मूल्यांकन कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। कोरोना के कारण पिछले वर्ष 31 जुलाई को परिणाम जारी हुआ था।