उत्तराखंड एसटीएफ के साइबर थाना पुलिस ने नई साल की शुरुआत में ही एक अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो मास्टरमाइंड को दिल्ली से गिरफ्तार किया। मामले में 4 अन्य आरोपियों को 41A CrPC का नोटिस देकर तामील किया गया है। गिरोह ने naukri.com के नाम पर एक देहरादून निवासी व्यक्ति से लगभग 23 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। अब तक कुल 12 आरोपियों पर कार्रवाई हो चुकी है।
कैसे रचाया धोखाधड़ी का जाल?—
देहरादून के मोहब्बेवाला क्षेत्र के निवासी ने नौकरी की तलाश में एक वेबसाइट पर अपना रिज्यूम डाला। इसके बाद आरोपियों ने व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया और खुद को जॉब पोर्टल का प्रतिनिधि बताकर पीड़ित से रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में 14,800 रुपये मांगे।
फर्जी इंटरव्यू और सिलेक्शन का झांसा: रजिस्ट्रेशन के बाद पीड़ित को फर्जी ईमेल आईडी से संपर्क किया गया। स्काइप पर करीब 1 घंटे का तकनीकी इंटरव्यू हुआ। इसके बाद दस्तावेज़ वेरिफिकेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीज़ा और IELTS परीक्षा के नाम परQuick Solutionखाते में रकम जमा कराई गई।
दोबारा शिकार बनाने की कोशिश: कुछ समय बाद, दूसरे व्हाट्सएप नंबर से संपर्क करUK की AVP (Operations)पोस्ट के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन और इंटरव्यू का झांसा दिया गया। इस प्रक्रिया में पीड़ित से कुल 22.96 लाख रुपये वसूले गए।
पुलिस जांच में दुबई, चीन, और पाकिस्तान से जुड़े सबूत मिले हैं। आरोपियों के मोबाइल में व्हाट्सएप, टेलीग्राम चैट्स और क्रिप्टो करेंसी (USDT) लेन-देन की जानकारी पाई गई है।
गिरफ्तारी और बरामदगी—
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि अब तक इस मामले में:
5 गिरफ्तारियां की गई हैं।
आरोपियों के पास से 17 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, और बड़ी संख्या में सिम कार्ड बरामद हुए हैं।
कई बैंक खातों की यूपीआई आईडी और ट्रांजेक्शन डिटेल्स भी बरामद की गई हैं।
साइबर अपराधियों का तरीका—
ऑनलाइन जॉब प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय साइबर अपराधी फर्जी ईमेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर के जरिए नौकरी तलाश रहे लोगों को निशाना बनाते हैं। वे दस्तावेज़ वेरिफिकेशन, वीजा शुल्क, और रजिस्ट्रेशन के नाम पर रकम वसूलते हैं।
पुलिस की चेतावनी—
एसटीएफ ने लोगों से सतर्क रहने और अनजान नंबरों या ईमेल से आने वाले जॉब ऑफर्स को वेरिफाई करने की अपील की है। धोखाधड़ी की आशंका होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।