धामी सरकार की बड़ी सौगात, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 100 सीटों की मंजूरी

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हरिद्वार में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। अब स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उन्हें दूसरे शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज जल्द ही शुरू होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 100 मेडिकल सीटों की मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक कदम के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार व्यक्त किया है।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए संकल्पित है, और इस दिशा में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे क्षेत्र की लाखों की आबादी को फायदा होगा, जो अभी तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऋषिकेश एम्स या देहरादून के अस्पतालों पर निर्भर रहती थी। अब इस मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से स्थानीय स्तर पर ही उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।

मेडिकल कॉलेज के संचालन की तैयारी—
हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर काफी समय से प्रयास चल रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के विशेष प्रयासों के बाद इस कॉलेज का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। पिछले महीने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की टीम ने कॉलेज का निरीक्षण किया था, जिसमें कुछ खामियां पाई गई थीं। राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन खामियों को दूर किया, और अब कॉलेज को 100 एमबीबीएस सीटों के साथ मंजूरी मिल गई है।

मेडिकल कॉलेज का 80% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हॉस्टल और अन्य सुविधाओं का काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है, ताकि इसी शैक्षणिक सत्र से मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू हो सके। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि अगले दो-तीन महीनों में फर्स्ट ईयर के छात्रों के लिए कक्षाएं और लाइब्रेरी की सुविधाएं शुरू कर दी जाएंगी।

लाखों लोगों को मिलेगा लाभ—
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज से क्षेत्र की लाखों की आबादी को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। इस जनपद के लोग अब तक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऋषिकेश एम्स या देहरादून के विभिन्न अस्पतालों पर निर्भर थे। लेकिन अब मेडिकल कॉलेज के निर्माण से उन्हें अपने ही जिले में बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी। यह कॉलेज न सिर्फ स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार लाएगा।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज की स्थापना से उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा का स्तर और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी। राज्य के युवाओं को अब डॉक्टर बनने के लिए और अधिक विकल्प मिलेंगे।

एडमिशन प्रक्रिया और काउंसलिंग—
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 2024-2025 सत्र के लिए 100 सीटों पर एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन होगा, जिनमें से 85 सीटें राज्य कोटे के तहत आवंटित की जाएंगी। राज्य सरकार ने एनएमसी को 100 सीटों का प्रस्ताव भेजा था, जो अब मंजूर हो चुका है।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि कॉलेज में एडमिशन के लिए 3 से 20 अक्टूबर तक काउंसलिंग की प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। राज्य में पहले से अल्मोड़ा, श्रीनगर, हल्द्वानी, और देहरादून में मेडिकल कॉलेज हैं, और अब हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी इस सूची में शामिल हो जाएगा।

फैकल्टी और स्टाफ की नियुक्ति—
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि मौजूदा सत्र के शुरू होने से पहले सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे और फैकल्टी की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी। वर्तमान में कॉलेज में 39 फैकल्टी सदस्य (13 प्रोफेसर, 7 एसोसिएट प्रोफेसर, 19 असिस्टेंट प्रोफेसर) और 26 सीनियर रेजिडेंट्स/ट्यूटर कार्यरत हैं। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों में 58 प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की जा चुकी है। पैरामिलिट्री स्टाफ की भी जल्द ही नियुक्ति की जाएगी।

चित्र – ओम जोशी

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार—
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्राइवेट अस्पताल, लैब और नर्सिंग कॉलेज को भी मानकों के तहत संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को आदेश दिया है कि वे राज्य और केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए मानकों के आधार पर सभी संस्थानों की निगरानी करें।

भविष्य की योजनाएं—
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के सफल संचालन से उत्तराखंड के चिकित्सा क्षेत्र में बड़ा सुधार होगा। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं कि मेडिकल कॉलेज का संचालन सुचारू रूप से हो और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

इस मेडिकल कॉलेज से स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी राहत मिलेगी, और राज्य के युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए और अधिक अवसर मिलेंगे। राज्य सरकार ने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठाया है, और अब उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का संचालन पूरी तरह से शुरू हो जाएगा।


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