उत्तराखंड में हाल ही हुए विधानसभा चुनाव के बाद दोनों मुख्य पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस में हलचल मची हुई है। दोनों ही पार्टियों में भीतरघात की खबरें हैं और इसे लेकर दोनों मुख्य पार्टियां अपने स्तर से जांच कर रही हैं। इसी कड़ी में जहां कांग्रेस अपने स्तर से कार्यवाही करती नज़र आती है तो वहीं बीजेपी ने इस बीच सीएम धामी और मदन कौशिक दिल्ली तलब किया है। ख़बरों के अनुसार इन दोनों की अमित शाह से मुलाकात होगी।
उत्तराखंड में राजनीतिक गलियारों में वोटिंग के बाद से ही हलचल मच गई है। बीजेपी में जहां एक ओर भितरघात के आरोप है तो वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कथित पत्र और ट्वीट इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ। इसमें कौशिक के प्रदेश अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने की बात कही गई। यद्यपि, कौशिक ने स्पष्ट किया कि पत्र और ट्वीट, दोनों फर्जी हैं। वहीं अब उत्तराखंड बीजेपी में मचे घमासान से आलाकमान अलर्ट हो गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आज दिल्ली तलब किया गया है। जहां अमित शाह खुद मामले की पूरी जानकारी लेंगे।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मदन कौशिक आज दिल्ली के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह बीजेपी के कई विधायकों द्वारा पार्टी संगठन पर लगाए गंभीर आरोपो पर रिपोर्ट सौपेंगे। सीएम धामी गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। साथ ही कई अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि बीजेपी में पार्टी के उम्मीदवार पार्टी नेताओं पर ही चुनाव हराने का षडयंत्र रचने का आरोप लगा रहे हैं और आरोपों की इस जद में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी आ गए हैं। भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके और वर्तमान में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे मदन कौशिक पर अपनी विधानसभा सीट के साथ-साथ प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी थी।भाजपा सगंठन के कामकाज को जानने- समझने वाले यह बखूबी समझते हैं कि पार्टी संगठन और सरकार दोनों में ही पार्टी अध्यक्ष की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण और प्रभावी होती है और यहां तो उसी प्रदेश अध्यक्ष पर पार्टी का एक वर्तमान विधायक चुनाव में हराने का षडयंत्र रचने का आरोप लगा रहा है। प्रदेश भाजपा में पिछले दो दिनों से मचे सियासी घमासान पर सख्त रवैया अपनाते हुए भाजपा आलाकमान ने पूरे मामले पर प्रदेश से रिपोर्ट भेजने को कहा था। जिसे लेकर अब कौशिक और सीएम धामी दिल्ली पहुंच रहे हैं। चुनावी परिणाम से पहले इस तरह के घटनाक्रम से विपक्षियों को मौका मिल गया है। वह भी बीजेपी पर कटाक्ष कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के अंदर भी भीतरघात के आरोप सामने आए हैं। साफ है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी भीतरघात से अछूती नही रह पायी क्योंकि कांग्रेस द्वारा की गई कार्यवाही जिसमे कि विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ कार्य करने व पार्टी के साथ भीतर घात करने वाले दस पदाधिकारियों को पद मुक्त करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर छः साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
शुक्रवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट द्वारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि जिला कांग्रेस के महामंत्री कालीचरण रावत, जिला कांग्रेस महामंत्री चैन सिंह पंवार, ब्लाक उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह चौहान, जिला महामंत्री नीरज डंगवाल, युवा सेवादल के पूर्व अध्यक्ष विशाल रावत, जिला उपाध्यक्ष रणवीर सिंह गुसांई, जिला सचिव भारत भूषण कठैत, जिला सचिव मकर वैरवाण, किसान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विक्रम नेगी व संगठन मंत्री सुनील नौटियाल ने विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस पार्टी द्वारा अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ कार्य करने के साथ ही भीतरघात करने के कारण तत्काल प्रभाव से उन्हें पद मुक्त करते हुए छः साल के लिए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर इन कांग्रेस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने कहा कि अभी ओर सदस्य जिन्होंने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ भीतरघात किया है,जांच के आधार पर तत्काल उन्हें भी पार्टी से निलंबित कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि दोनों ही पार्टियों में चुनाव से पहले बड़े स्तर पर बगावत हुई थी और जिसके बाद पार्टियों द्वारा दूसरे दल के बागियों को अपने पाले में करने के कई सफल प्रयास किये गए, जिससे कि भीतरघात की संभावनाएं बनी।