खटीमा में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री धामी ने दी श्रद्धांजलि, कहा—‘उनके सपनों का उत्तराखंड बनाना ही हमारी जिम्मेदारी’
खटीमा। उत्तराखंड राज्य आंदोलन की ऐतिहासिक स्मृतियों को संजोए सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों को नमन किया। इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उन्होंने शहीदों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनके आश्रितों तथा राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन उन अमर बलिदानियों की याद का दिन है, जिन्होंने उत्तराखंड की अस्मिता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने शहीद भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानन्द भट्ट और परमजीत सिंह को स्मरण करते हुए कहा कि प्रदेश का हर नागरिक सदैव इन वीर सपूतों का ऋणी रहेगा। धामी ने कहा कि खटीमा की यह घटना ही थी जिसने राज्य निर्माण आंदोलन को नई दिशा और ऊर्जा दी।
सीएम धामी ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों के आदर्शों और सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। शहीद आंदोलनकारियों के परिजनों को 3 हजार रुपये मासिक पेंशन, घायल एवं जेल गए आंदोलनकारियों को 6 हजार रुपये और सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। साथ ही चिन्हित आंदोलनकारियों को पहचान पत्र और अब तक 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में नियुक्ति भी दी गई है।
उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नए कानून के तहत परित्यक्ता, विधवा और तलाकशुदा पुत्रियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में नारी शक्ति का योगदान अविस्मरणीय रहा है, इसलिए राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनमें समान नागरिक संहिता लागू करना, प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू करना शामिल है, जिससे अब तक 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। साथ ही सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानून भी लागू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की डेमोग्राफी की सुरक्षा और हिमालय के पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद जनसमुदाय को ‘हिमालय बचाओ अभियान’ की शपथ भी दिलाई।