तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम० के० स्टालिन के बेटे उदयनिधि के द्वारा “सनातन धर्म” पर की गयी टिप्पणी को लेकर बवाल मचा हुआ है। यूँ तो विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ तो पैदा होने से पहले ही बीजेपी नेतृत्व के निशाने पर आ चुका था, इधर उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों से करते हुए ‘सनातन धर्म को मिटाने’ को कहा, उदयनिधि की टिपण्णी के बाद विवाद खड़ा हो गया और अब यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर टिप्पणी को निंदनीय बताया है। सीएम धामी का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में जनता इस घटिया सोच को सबक सिखाएगी।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक के प्रमुख नेता और राज्य के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातन धर्म पर दिए घोर नफरती बयान की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेहद कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि सनातन पर ऐसा बयान बेहद निंदनीय है। उनका यह बयान आईएनडीआईए गठबंधन की घटिया सोच को दर्शाता है। 2024 के चुनाव में देश की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी।
उल्लेखनीय है, कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा था कि ‘सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।’
वहीँ उदयनिधि अपने इस बयान पर हंगामा मचने के बाद भी अफसोस जताने के बजाय उस पर ना केवल कायम है बल्कि उसका बचाव भी कर रहे है। विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ के लिए यह बयान सर मुंडाते ही ओले पड़ने जैसी स्थिति जैसा बन गया है। गठबंधन के नेताओं का इस बयान पर न उगलते बन रहा है न निगलते बन पा रहा है। न वह इसका सपोर्ट कर पा रहे हैं और न ही इससे पल्ला झाड़ पा रहे हैं।