मुख्यमंत्री ने रावत गांव के होम स्टे में किया रात्रि विश्राम, आमजन से लिया उनकी समस्याओं पर फीडबैक, जानिए क्या है होम स्टे योजना

Our News, Your Views

उत्तराखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे पर्यटक स्थल अवस्थित है, जो कि अपनी नैसर्गिक छटा एवं सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे हुए हैं, किन्तु उन स्थलों पर पर्यटकों हेतु उचित आवास एवं खान-पान की सुविधा न होने के कारण वे इन पर्यटक स्थलों का आनन्द लेने से वंचित रह जाते है। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए राज्य सरकार की होम स्टे योजना मददगार साबित हो रही है। और ऐसे में जब मुख्यमंत्री खुद होम स्टे योजना की ब्रांडिंग करें तो निश्चित ही यह सोने पर सुहागा तो होगा ही।

अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी स्थित रावत गांव के होम स्टे में रविवार रात को विश्राम किया। यहां उन्होंने पहाड़ी शैली में बनाए गए होम स्टे का अवलोकन करते हुए पहाड़ी शैली के साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस होम स्टे की सराहना की। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पौड़ी दौरे का आज सोमवार को दूसरा दिन है। आज सुबह सवेरे वह भ्रमण पर निकले इस दौरान उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में गांव वासियों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और राज्य की समस्याओं पर उनका फीडबैक लिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में होम स्टे की अपार संभावनाएं है। होम स्टे स्वरोजगार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने की यह महत्वकांछी योजना है।होम स्टे से लोगों को उत्तराखंड के पारम्परिक खानपान और संस्कृति के बारे में पता चलता है। राज्य सरकार लगातर होम स्टे को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है, इस योजना के तहत दूसरे लोगों को भी आगे आकर इसका लाभ उठाना चाहिए।

क्या है होम स्टे योजना —

अतिथि उत्तराखंड गृह आवास (होम स्टे) नियमावली के माध्यम से राज्य के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ दूरस्थ पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु, स्तरीय आवासीय सुविधा बढ़ाने, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने तथा भवन स्वामियों को अतिरिक्त आय का स्त्रोत उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से इस योजना को तैयार किया गया है।अतिथि-उत्तराखंड ‘गृह आवास (होम स्टे) नियमावली’ के शुभारंभ के पीछे मूल विचार विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए एक साफ और किफायती तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक स्तरीय आवासीय सुविधा प्रदान करना है। होम स्टे से जहां स्थानीय लोगों को रोजगार का जरिया बनता है वहीं होटल से सस्ता होने के कारण पर्यटकों को भी बहुत आकर्षित करता है। पर्यटन सीजन में अक्सर होटल फुल हो जाते हैं, ऐसे में होम स्टे ही पर्यटकों का सहारा बनते हैं। इससे विदेशी पर्यटकों को भी एक भारतीय परिवार के साथ रहने उनकी संस्कृति का अनुभव व परंपराओं को समझने और भारतीय/उत्तराखंडी व्यंजनों के स्वाद के लिए एक उत्कृष्ट अवसर मिलता है।

सरकार पलायन रोकने और अपने ही क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से होम स्टे के लिए अच्छी खासी सब्सिडी देती है। इसे शुरू करने के लिए पर्यटन विभाग में ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन आवेदन करना होता है। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विभाग की वेबसाइट https://uttarakhandtourism.gov.in/ पर जाएँ। होम स्टे बनाने के लिए भूमि संबंधित प्रमाणपत्र, आगणन, ग्राम प्रधान से एनओसी, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और बैंक से सहमति लेना जरूरी है। लाभार्थियों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाता है।

होम स्टे के लिए प्रमुख शर्तें—-

1- मकान मालिक अपने परिवार सहित भवन में भौतिक रूप से रहता हो।

2- इस योजना के तहत भवन का पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है।

3 – भवन में 1 से 6 कमरों की व्यवस्था।

4 – पारम्परिक / पहाड़ी शैली में निर्मित भवनों को प्राथमिकता।

5 – नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर संपूर्ण प्रदेश में लागू।


Our News, Your Views