मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 530 चयनित अभ्यर्थियों को सौंपे नियुक्ति पत्र, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बल

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देहरादून/ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्य सेवक सदन, देहरादून में आयोजित एक समारोह में 530 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इनमें 352 स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला एएनएम) और उत्तराखंड वन विकास निगम के 178 स्केलर शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन उनके जीवन में महत्वपूर्ण पड़ाव है और राज्य के लिए गर्व का क्षण है।

(SOURCE COURTESY – DIGITAL MEDIA)

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नियुक्तियां राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाएंगी और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूती देंगी। उन्होंने एएनएम कार्यकर्ताओं को समाज के स्वास्थ्य का आधार स्तंभ बताते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य सेवाओं और समाज के बीच सेतु का कार्य करती हैं।

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रोजगार में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर सख्ती—

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने भर्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड ने बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4% की कमी की है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।

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स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा—

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। आयुष्मान योजना के तहत अब तक 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जिससे 11 लाख से अधिक मरीजों को 2100 करोड़ रुपये का कैशलेस उपचार मिल चुका है। इसके अलावा, हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं ताकि दुर्गम क्षेत्रों में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

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पर्यावरण संरक्षण में स्केलरों की भूमिका—

वन विभाग में 178 स्केलरों की नियुक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे न केवल वनों की देखभाल करेंगे, बल्कि पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में स्केलरों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने सभी नियुक्त अभ्यर्थियों से अपने कार्यक्षेत्र में निष्ठा और ईमानदारी के साथ योगदान देने का आह्वान किया। कार्यक्रम में उन्होंने राज्य की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखंड देश में समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनकर एक मिसाल पेश कर रहा है।


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