केदारनाथ धाम पहुंचे मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा कर दिए निर्देश – बोले, “आस्था और सुविधा का संतुलन ही लक्ष्य”

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जिलाधिकारी प्रतीक जैन से ली प्रगति रिपोर्ट, कपाट बंद होने के बाद भी सुरक्षा और रखरखाव की पुख्ता तैयारी के निर्देश

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए और धाम परिसर में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बैठक लेकर विभिन्न फेज़ में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति, गुणवत्ता और कार्य निष्पादन की विस्तृत समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन से धाम क्षेत्र में चल रहे सभी कार्यों की जानकारी ली और संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि—

“केदारनाथ धाम में हो रहे सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, सौंदर्य और धार्मिक आस्था का विशेष ध्यान रखा जाए।”

कपाट बंद होने के बाद भी जारी रहेगा काम

मुख्य सचिव ने कहा कि 23 अक्टूबर को बाबा केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। इसके बाद भी धाम में सुरक्षा व्यवस्था, सामग्री संरक्षण और बर्फबारी की स्थिति में कार्यों के रखरखाव की पूरी तैयारी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों की गति में किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए।

2026 यात्रा सीजन की तैयारी अभी से

आनंद वर्धन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले वर्ष 2026 की यात्रा सीजन की तैयारी अभी से शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि—

“यात्रियों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, संचार, परिवहन, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से जुड़े विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।”

प्रशासन ने दी प्रगति रिपोर्ट

जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने अवगत कराया कि केदारनाथ यात्रा प्रबंधन से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं और निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।

केदारनाथ – पुनर्निर्माण का प्रतीक

मुख्य सचिव ने धाम में तेजी से जारी पुनर्निर्माण कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि—

“केदारनाथ धाम आज पूरे देश में पुनर्निर्माण और पुनरुत्थान का प्रतीक बन चुका है। हमारा लक्ष्य केवल भौतिक विकास नहीं, बल्कि आस्था और सुविधा का संतुलित संगम सुनिश्चित करना है, ताकि आने वाले हर श्रद्धालु को पवित्र, सुरक्षित और दिव्य यात्रा अनुभव मिल सके।”


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