उत्तराखंड में बादल फटने और भारी बारिश से हाहाकार, सड़कें बंद – कई लोग लापता, राहत-बचाव अभियान जारी
देहरादून/रुद्रप्रयाग/गढ़वाल। उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। रुद्रप्रयाग जिले के छेनागाड़ क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। बाजार में मलबा भर गया और कई वाहन बह गए। छेनागाड़ डुगर गांव और जौला बड़ेथ से कुछ लोगों के लापता होने की सूचना है। वहीं, राज्य के अन्य पहाड़ी इलाकों में भी भूस्खलन और नदी-नालों के उफान ने खतरा बढ़ा दिया है।
राहत और बचाव कार्य तेज
आपदा की सूचना मिलते ही रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गईं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और त्वरित सहायता मुहैया कराने की कोशिशें जारी हैं।
डीएम की सीधी मॉनिटरिंग
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी प्रतीक जैन स्वयं आपदा कंट्रोल रूम से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित गांवों में तैनात कर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला स्तर पर सभी अधिकारी समन्वय के साथ काम कर रहे हैं ताकि बचाव अभियान प्रभावी ढंग से चल सके।
युद्धस्तर पर सड़कें खोलने का अभियान
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते राज्यभर में यातायात प्रभावित हुआ है। बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर सिरोबगड़ के पास ‘मिनी गोवा बीच’ क्षेत्र में अलकनंदा का पानी राजमार्ग पर आ जाने से खतरा बढ़ गया है। कई राष्ट्रीय राजमार्ग और संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। एनएच, पीडब्ल्यूडी और पीएमजीएसवाई की टीमें लगातार मलबा हटाकर सड़कों को खोलने में जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों तक राहत दलों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी चिन्हित किए जा रहे हैं।
राज्यभर में मुश्किल हालात
लगातार बारिश से अलकनंदा समेत तमाम नदियां उफान पर हैं। पर्वतीय जिलों में जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें बाधित हो गई हैं। लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन बारिश के चलते मुश्किलें बढ़ रही हैं।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और बिना आवश्यकता यात्रा न करें। पर्वतीय मार्गों पर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।