“विधानसभा सत्र में सीएम धामी का विजन रोडमैप पेश — विकास, पारदर्शिता और देवभूमि की अस्मिता पर मुखर हुए मुख्यमंत्री”
उत्तराखंड विधानसभा विशेष सत्र: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की दिशा का विस्तृत रोडमैप सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा और राज्य के दो दशक से अधिक के विकास सफर की ऐतिहासिक झलक भी पेश की।
राज्य गठन से अब तक का विकास यात्रा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ और केंद्र सरकार की ओर से राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया गया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी और भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व में राज्य में जनकल्याण, पर्यटन और औद्योगिक विकास की नई शुरुआत हुई।
2002 में नारायण दत्त तिवारी की सरकार ने प्रशासनिक स्थिरता और औद्योगिक विस्तार को गति दी। इसके बाद 2007 में भुवन चंद्र खंडूड़ी ने सुशासन और पारदर्शिता पर बल दिया, जबकि डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के कार्यकाल में राज्य के चहुंमुखी विकास की नींव रखी गई।
2012 से 2017 का कांग्रेस कार्यकाल राजनीतिक अस्थिरता और प्राकृतिक आपदाओं से घिरा रहा, लेकिन इसी दौरान केंद्र के सहयोग से केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण की ऐतिहासिक पहल हुई। 2017 में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला और त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में तकनीक-आधारित सुशासन की दिशा में अहम कदम उठे। तीरथ सिंह रावत ने कोरोना काल में कुंभ जैसे विश्वस्तरीय आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
धामी ने कहा कि जुलाई 2021 में उन्हें मुख्यमंत्री पद का दायित्व मिला, जब कोविड-19 की चुनौतियां और चुनावी परिस्थितियां साथ थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में नई दिशा देने के प्रयास हुए और जनता ने 2022 में ऐतिहासिक रूप से भाजपा को लगातार दूसरी बार बहुमत देकर राज्य के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा।
रोजगार, अर्थव्यवस्था और नीतिगत सुधार
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 30 से अधिक नई नीतियों को लागू कर रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा दिया गया है।
2023-24 के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक (SDG Index) में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
राज्य गठन के समय 14,501 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था अब बढ़कर 3.78 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है।
प्रति व्यक्ति आय भी 15,285 रुपये से बढ़कर 2.74 लाख रुपये हो गई है।
धामी ने कहा, “आज प्रदेश की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और अर्थव्यवस्था 26 गुना बढ़ चुकी है।”
गैरसैंण और निवेश योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि डबल इंजन सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। उन्होंने स्वयं सारकोट गांव को गोद लिया है और विपक्षी दलों को वहां जाकर विकास की स्थिति देखने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौते किए गए हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देंगे।
कृषि और किसान कल्याण
सरकार किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण दे रही है और फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से कृषि उपकरणों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।
तीर्थाटन, पर्यटन और खेल
सीएम धामी ने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सरकार धार्मिक, साहसिक, वेलनेस, एग्रो और फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है।
केदारखंड और मानसखंड के मंदिरों के सौंदर्यीकरण कार्य जारी हैं, वहीं ऋषिकेश-हरिद्वार कॉरिडोर को योग और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
खेलों में भी राज्य ने नई पहचान बनाई है। हाल में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने 103 पदक जीतकर 7वां स्थान प्राप्त किया — राज्य के इतिहास में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
महिला सशक्तिकरण
राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया है। धामी ने कहा कि “मातृशक्ति के सशक्तिकरण के बिना विकास अधूरा है।”
रेल, रोपवे और हवाई सेवाएं
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से पहाड़ों तक रेल पहुंचाने का सपना जल्द साकार होने जा रहा है।
इसके साथ गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाएं भी निर्माणाधीन हैं।
उड़ान योजना के तहत राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से 12 पर सेवाएं शुरू हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में विस्तार
हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में कार्य चल रहा है।
देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर में सुपर स्पेशियलिटी विभाग स्थापित किए जा रहे हैं।
साथ ही हल्द्वानी में राज्य के पहले आधुनिक कैंसर संस्थान का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
कड़े फैसले और भ्रष्टाचार पर प्रहार
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में अतिक्रमणकारियों, घुसपैठियों और विधर्मियों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा — “उन्हें वहीं भेजा जाएगा, जहां से वे आए हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि मदरसों के नाम पर यदि राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलेंगी, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। पिछले चार वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों, जिनमें IAS और PCS अधिकारी भी शामिल हैं, के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है।
ऐतिहासिक फैसले — समान नागरिक संहिता और भू-कानून
धामी ने कहा कि उत्तराखंड ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए हैं।
साथ ही धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून, और सख्त भू-कानून लागू किए गए हैं ताकि देवभूमि की मूल संस्कृति और जनसंख्या संतुलन सुरक्षित रहे।
सरकार ने मदरसा बोर्ड समाप्त करने का भी निर्णय लिया है।
रिवर्स माइग्रेशन — गांवों में नई उम्मीद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में योजनाबद्ध ढंग से काम कर रहा है।
कोरोनाकाल में गांव लौटे लोगों की सफलता की कहानियां आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
सीएम धामी ने कहा—
“हम साफ नीयत, स्पष्ट नीति और पारदर्शी प्रक्रिया के साथ शासन चला रहे हैं। न किसी भ्रष्टाचारी को संरक्षण मिलेगा, न किसी घोटालेबाज को बख्शा जाएगा। हमारा लक्ष्य देवभूमि के मूल स्वरूप की रक्षा और राज्य को आत्मनिर्भर, समृद्ध एवं सशक्त बनाना है।”
