उत्तराखंड में अवैध खनन पर लगाम: सरकार ने लागू किया MDTSS, अब रीयल टाइम ट्रैकिंग से होगी निगरानी
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में Mining Digital Transformation & Surveillance System (MDTSS) लागू कर दिया गया है। इस अत्याधुनिक प्रणाली के जरिए खनन से जुड़ी गतिविधियों की अब रीयल टाइम निगरानी होगी।

गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कई जिलों में लंबे समय से अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग उठ रही थी। सरकार की इस नई व्यवस्था से न केवल खनन गतिविधियों पर सीधी नजर रखी जा सकेगी, बल्कि राज्य के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
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स्मार्ट एनफोर्समेंट सिस्टम:
प्रदेश में 40 स्थानों पर 45 आधुनिक चेक गेट स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें वेरिफोकल कैमरा, एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) कैमरा, आरएफआईडी रीडर, जीपीएस इंटीग्रेशन, वाहन ट्रैकिंग सिस्टम और वेटब्रिज इंटीग्रेशन जैसी हाईटेक सुविधाएं होंगी। एक केंद्रीय कमांड सेंटर और मिनी कमांड सेंटर से पूरे प्रदेश में खनन गतिविधियों पर सीधी निगरानी रखी जाएगी। -
ई-रवन्ना प्रणाली में बदलाव:
खनन से जुड़ी सभी स्लिप्स अब MICR पेपर पर ऑनलाइन जारी होंगी। इनमें सुरक्षा के लिए इनविजिबल इंक मार्क, होलोग्राम और हिडन “COPY” इमेज जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। -
ई-रवन्ना पोर्टल की नई सेवाएं:
अब एक ही पोर्टल पर डीलर पंजीकरण, ई-रवन्ना जेनरेशन, ऑनलाइन पेमेंट गेटवे, वाहन पंजीकरण, आईएसटीपी (अंतर-राज्यीय ट्रांजिट पास) पंजीकरण, प्रवर्तन चालान मॉड्यूल और शिकायत निवारण तंत्र जैसी सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
खनन नीति 2023 के तहत कार्यवाही
खनन नीति 2023 के नियम-69 के तहत निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब तक 170 खनन लॉट्स के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कई का आवंटन हो चुका है और शेष प्रक्रिया में हैं।
सरकार का उद्देश्य
इस डिजिटल प्रणाली का मकसद है—
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अवैध खनन पर कड़ाई से रोक लगाना
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राज्य के राजस्व में इजाफा करना
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खनन कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना
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खनन कारोबारियों और वाहनों की रीयल टाइम ट्रैकिंग करना
सरकार का दावा है कि MDTSS न केवल खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और अनुशासन लाएगा, बल्कि उत्तराखंड को देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल भी बनाएगा।