हरिद्वार, 12 फरवरी/ माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर हरिद्वार के हर की पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया और विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान विष्णु को नमन किया। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है क्योंकि यह माघ स्नान का अंतिम दिन होता है। इस दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी पर अवतरित होकर स्वयं तीर्थ स्नान करते हैं। श्रद्धालु ‘ॐ विष्णवे नमः’ का जाप करते हुए स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के साथ-साथ तर्पण और दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पितरों की प्रसन्नता के लिए अन्न और वस्त्र, विशेष रूप से सफेद वस्त्रों का दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान के उपरांत जरूरतमंदों को दान कर अपने पूर्वजों को तर्पण अर्पित किया।
माघ पूर्णिमा स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। हर की पैड़ी और अन्य प्रमुख घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
हरिद्वार के प्रसिद्ध विद्वान पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि माघ मास का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दौरान किए गए स्नान, जप और दान से व्यक्ति को दिव्य फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इस पुण्यकाल में गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालु देवताओं के समान पुण्य अर्जित करते हैं।
देश के विभिन्न कोनों से आए श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड सहित अन्य घाटों पर गंगा स्नान किया और विशेष पूजा-अर्चना कर ईश्वर से सुख-समृद्धि की कामना की।
हरिद्वार में माघ पूर्णिमा स्नान का यह पावन पर्व श्रद्धा और आस्था के वातावरण में सम्पन्न हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जन किया और गंगा की महिमा का गुणगान किया।