स्टॉक ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का झांसा देकर निजी बैंक कर्मी से 37 लाख की साइबर ठगी

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स्टॉक ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का झांसा देकर निजी बैंक कर्मी से 37 लाख की साइबर ठगी

देहरादून।
राजधानी देहरादून के तरला अधोईवाला क्षेत्र निवासी और निजी बैंक में कार्यरत एक कर्मचारी साइबर ठगों के जाल में फंसकर 37 लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गया। आरोपी ने खुद को स्टॉक ट्रेडिंग सलाहकार बताते हुए पहले भरोसा जीता और फिर निवेश के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम कंट्रोल थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।

ऐसे शुरू हुआ ठगी का जाल

पीड़ित मोहम्मद सिराज ने बताया कि 11 जून को उनके व्हाट्सएप नंबर पर एक महिला का मैसेज आया, जिसने खुद को आरोही पटेल बताया और दावा किया कि वह 360 वन कंपनी लिमिटेड में असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है। महिला ने स्टॉक ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा कमाने का दावा करते हुए निवेश करने का सुझाव दिया।

17 जून को आरोही पटेल ने सिराज को एक अन्य नंबर साझा किया और स्टॉक में निवेश की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद एक गूगल फॉर्म भरवाया गया, जिसके आधार पर 29 जून को एक आईडी और कथित SEBI रजिस्टर्ड प्रमाणपत्र भेजा गया।

ऐप डाउनलोड करा कर की गई ठगी

30 जून को एक लिंक के ज़रिए सिराज के मोबाइल में 360 वन ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करवाई गई और निवेश के लिए विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कराए गए। सिराज ने 3 और 4 जुलाई को कुल 1.1 लाख रुपये यूपीआई के ज़रिए भेजे। इसके बाद ठगों ने उन्हें अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदने और बेचने को कहा।

19 जुलाई तक भेज दिए 36.5 लाख रुपये

ठगों ने ट्रेडिंग ऐप में 15–20% तक मुनाफा दिखाते हुए बार-बार निवेश करने के लिए उकसाया। पीड़ित ने 19 जुलाई तक 36 लाख 50 हजार रुपये अलग-अलग खातों में जमा कर दिए। लेकिन जब उन्होंने रकम निकालनी चाही, तो ऐप से पैसे नहीं निकले और ठगों से संपर्क भी टूट गया। तब जाकर उन्हें साइबर ठगी का अहसास हुआ।

पुलिस ने शुरू की जांच

मामले में साइबर क्राइम कंट्रोल के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि पीड़ित मोहम्मद सिराज की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जिन खातों में पैसे भेजे गए हैं, उनकी जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी।


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